Electricity Crisis in Maharashtra: महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से बिजली संकट गहराता जा रहा है. दरअसल, महाराष्ट्र इस समय कोयले की कमी से जूझ रहा है और इससे बिजली उत्पादन बाधित हो रहा है. लोड शैडिंग पर महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राउत शुक्रवार को कहा कि हमें केंद्र सरकार को कोयले का 2200 करोड़ रुपए देने हैं. केंद्र सरकार ने पहले भुगतान उसके बाद कोयला देने की बात कही है. नितीन राउत ने कहा कि लोड शैडिंग को 19 तारीख तक ठीक कर दिया जाएगा. हमारे पास डेढ़ से छह दिन का कोयला बचा है.
नितीन राउत ने बताया, क्यों बढ़ी बिजली की मांग
महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि राज्य में बिजली कटौती की वजह कोविड पाबंदियों में ढील के बाद बिजली की बढ़ी मांग है. राउत ने मीडिया से बातचीत में कोयले की आपूर्ति और मालगाड़ियों के कथित कुप्रबंधन के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि राज्य के पास केवल डेढ़ से छह दिनों के लिए कोयले का भंडार रह गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में अंतर को पाटने के लिए काम कर रही है ताकि बिजली कटौती से बचा जा सके.
खुले बाजार में उपलब्ध नहीं बिजली
इससे पहले केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र सरकार की योजना की कमी की वजह से कोयले की कमी हुई है जिसका नतीजा है कि राज्य में बिजली की किल्लत हो रही है. नितीन राउत ने कहा कि कोयले की कमी केवल महाराष्ट्र में नहीं है, बल्कि पूरे भारत में है और दावा किया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों से इसपर चर्चा की थी और उनसे कोयला आयात करने को कहा था. उन्होंने कहा कि पूरे देश में कोविड-19 महामारी में कमी आने और अर्थव्यवस्था के खुलने के बाद बिजली की मांग में कई गुना की वृद्धि हुई है. खुले बाजार से खरीदने के लिए बिजली उपलब्ध नहीं है. इसी प्रकार कोयला आपूर्ति और रेलवे रैक को लेकर कोई उचित प्रबंधन नहीं होने से राज्यों को इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.
उपलब्ध कोयले का 62 फीसदी ही कर सकते है इस्तेमाल
बिजली मंत्री नितीन राउत ने आगे कहा कि राज्य सरकार के पास कोयले का जो भंडार है वह अधिक से अधिक छह दिनों तक चलेगा. उन्होंने कहा कि हम उपलब्ध कोयले का 62 फीसदी इस्तेमाल कर सकते हैं और बाकी को मानसून के लिए रखते हैं. यह मौजूदा स्थिति है. राउत ने कहा कि हमने मौजूदा स्थिति से मुख्यमंत्री को सूचित कर दिया है. हम बिजली उत्पादन और आपूर्ति में अंतर को पाटने के लिए काम कर रहे हैं ताकि राज्य में बिजली कटौती न हो.