चेन्नई-गुवाहाटी आने की सूचना पर दौड़ पड़ते हैं जीआरपी जवान

टाटानगर. जनरल डिब्बे के यात्रियों से चल रहा है उगाही का खुला खेल जमशेदपुर : टाटानगर स्टेशन पर चेन्नई-गुवाहाटी ट्रेन के आने की सूचना मिलने के साथ ही टाटानगर रेल पुलिस के जवान मुस्तैद हो जाते हैं. एनाउंसमेंट के साथ ही जवान ट्रेन जिस प्लेटफॉर्म पर आनी होती है, उस ओर दौड़ लगा देते हैं, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2017 1:01 AM

टाटानगर. जनरल डिब्बे के यात्रियों से चल रहा है उगाही का खुला खेल

जमशेदपुर : टाटानगर स्टेशन पर चेन्नई-गुवाहाटी ट्रेन के आने की सूचना मिलने के साथ ही टाटानगर रेल पुलिस के जवान मुस्तैद हो जाते हैं. एनाउंसमेंट के साथ ही जवान ट्रेन जिस प्लेटफॉर्म पर आनी होती है, उस ओर दौड़ लगा देते हैं, जैसे ट्रेन में कोई विस्फोटक होने की सूचना मिली हो. ट्रेन के प्लेटफार्म पर आने के साथ ही टाटानगर जीआरपी के जवान दो टीमों में बंट जाते हैं. एक टीम आगे के जनरल डिब्बों में जाती है, तो दूसरी टीम पीछे के डिब्बों में. कुछ स्लीपर कोच में भी चढ़ जाते हैं.
उसके बाद शुरू होता है संगठित तरीके से गरीब अौर मजदूर वर्ग के यात्रियों को निशाना बनाने का खेल. किसी से पान-गुटखा बरामद होने के नाम पर तो किसी के पास आधार या वोटर आइडी नहीं होने या रेल टिकट नहीं होने के कारण उससे 500 से 1200 रुपये तक की वसूली की जाती है. नहीं देने पर इन यात्रियों से गाली-गलौज होता है, डंडे भी भांजे जाते हैं
चेन्नई-गुवाहाटी आने की…
और तब भी बात नहीं बनती तो जेल भेज देने की धमकी तक दी जाती है. चेन्नई कमाने जा रहे या कमा कर आ रहे असम के इन मजदूरों के लिए सिवाय जीआरपी के जवानों की बात मान लेने के अलावा कोई चारा नहीं होता. क्योंकि जो विरोध करते हैं उन्हें दो-चार जवान मिल कर जबरन ट्रेन से उतारने लगते हैं. आखिरकार जिसके पास पैसे नहीं भी होते हैं अपने परिचित यात्रियों से उधार लेकर जवानों के कहर से किसी तरह बच पाते हैं. ट्रेन के यहां आधा घंटा का स्टॉपेज होने के कारण यह काम जीआरपी के जवान बेहद इत्मिनान से कर पाते हैं. दो-तीन जवान डिब्बों के बाहर प्लेटफॉर्म पर भी पहरा देते रहते हैं,
ताकि आपात स्थिति या किसी वरीय अधिकारी के आने की स्थिति से निपटा जा सके.
बराबर हिस्से में बंटती है वसूली की रकम : वसूली के बाद दोनों टीम के जवान एक जगह इक्ट्ठा होते हैं. उसके बाद वसूली गयी पूरी रकम एक जगह जमा करते हैं. जमा करने के बाद वसूल की गयी पूरी रकम को बराबर-बराबर हिस्सा में बांट लेते हैं. सूचना यह भी है कि वूसल की गयी रकम का कुछ प्रतिशत जीआरपी के पदाधिकारियों को भी जाता है.
1200 से 400 रुपया तक वसूली : पड़ताल के दौरान टीम ने पाया कि जीआरपी के जवान यात्री को डरा- धमका कर कम से कम चार सौ रूपया और ज्यादा से ज्यादा 1200 रुपया की वसूली एक यात्री से करते है. यात्री के चंगुल में फंसने के बाद जीआरपी के जवान 1200 रुपया से बोली शुरू करते है. यात्री के डर जाने के बाद जवान 1200 रुपया की मांग करते है. जब यात्री इतनी बड़ी रकम देने से इंकार करता है तो जवान अपना रेट कम करते-करते 400 रुपया पर रुक जाते है. 400 रुपया से कम देने पर जवान यात्रियाें को जबरन लेकर जाने लगते है. जिसके बाद मजबूरन यात्री को पैसा देना पड़ता है.
कोट
टाटानगर रेल पुलिस के जवानों के द्वारा इस प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं इस बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है. अगर मामला सही है तो जवानों पर आवश्य कार्रवाई की जायेगी.
एम अर्सी,रेल एसपी,टाटानगर.
ट्रेन के यात्रियों से करते हैं जबरन वसूली, देते हैं जेल भेजने की धमकी
इस पैसेंजर ने जब रुपये न होने की बात कही, तो जीआरपी जवान उसकी जेब टटोलने लगा. मजबूर होकर युवक को जवान की अवैध मांग पूरी करनी पड़ी. एक अन्य युवक से पैसे लेता जवान (इनसेट). इस पूरे वाकये का वीडियो प्रभात खबर के पास उपलब्ध है. रेल पुलिस व प्रशासन जांच के लिए इसका उपयोग कर सकता है.

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