33.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

ऑर्गेनिक हल्दी के उत्पादन में जुटे खरसावां के आदिवासी, ट्राइफेड के काउंटर में मिलेगी ऑर्गेनिक हल्दी, देखें Pics

Jharkhand News (सरायकेला) : सरायकेला-खरसावां जिला खरसावां प्रखंड के अंतिम सीमा पर पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित जनजाति बहुल रायजेमा गांव ऑर्गेनिक हल्दी की खेती के लिए जाना जाता है. अब रायजेमा गांव की हल्दी देश के विभिन्न क्षेत्रों में मिलने लगेगी. यहां के हल्दी को बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था केंद्रीय जनजाति मंत्रालय की उपक्रम ट्राईफेड करेगी. स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पहल पर ट्राईफेड ने गांव के किसानों को एकजुट कर हल्दी की प्रोसेसिंग शुरु कराने की पहल की है.

Jharkhand News (शचिंद्र कुमार दाश- सरायकेला) : सरायकेला-खरसावां जिला खरसावां प्रखंड के अंतिम सीमा पर पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित जनजाति बहुल रायजेमा गांव ऑर्गेनिक हल्दी की खेती के लिए जाना जाता है. अब रायजेमा गांव की हल्दी देश के विभिन्न क्षेत्रों में मिलने लगेगी. यहां के हल्दी को बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था केंद्रीय जनजाति मंत्रालय की उपक्रम ट्राईफेड करेगी. स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पहल पर ट्राईफेड ने गांव के किसानों को एकजुट कर हल्दी की प्रोसेसिंग शुरु कराने की पहल की है.

Undefined
ऑर्गेनिक हल्दी के उत्पादन में जुटे खरसावां के आदिवासी, ट्राइफेड के काउंटर में मिलेगी ऑर्गेनिक हल्दी, देखें pics 4

जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों द्वारा उपजाये गये हल्दी को ग्रामीणों ने मशीन से पाउडर बनाया. हल्दी के इसी पाउडर को ट्राईफेड की ओर से रांची के सरकारी फूड लैब में जांच करायी गयी, तो इसकी गुणवत्ता सामान्य हल्दी से अधिक मिली. सामान्य तौर पर हल्दी में करीब दो फीसदी करक्यूमिन होता है, लेकिन रायजेमा की ऑर्गेनिक हल्दी में 7 फीसदी से अधिक करक्यूमिन पाया गया. यही इस हल्दी की विशेषता है. हल्दी किसानों को ट्राइफेड शुरुआती सहयोग कर रही है. रायजेमा की ऑर्गेनिक हल्दी अब देश-विदेश में ट्राईफेड के आउटलेट में मिलने लगेगी.

Undefined
ऑर्गेनिक हल्दी के उत्पादन में जुटे खरसावां के आदिवासी, ट्राइफेड के काउंटर में मिलेगी ऑर्गेनिक हल्दी, देखें pics 5
क्या है करक्यूमिन

हल्दी में सक्रिय तत्व करक्यूमिन (Curcumin) पाया जाता है. यह दर्द से आराम दिलाता है और दिल की बीमारियों से सुरक्षा रखता है. यह तत्व इंसुलिन लेवल को बनाए रखता और डायबिटीज की दवाओं के असर को बढ़ाने का भी काम करता है. हल्दी में एक अच्छा एंटीऑक्सिडेंट है. इसमें पाये जाने वाले फ्री रैडिकल्स डैमेज से भी बचाता है.

Also Read: चौपारण के पारा शिक्षक मुन्नू के कुकर से स्टीम लेने के तरीके का वीडियो हो रहा है वायरल, खूब मिल रही वाहवाही
Undefined
ऑर्गेनिक हल्दी के उत्पादन में जुटे खरसावां के आदिवासी, ट्राइफेड के काउंटर में मिलेगी ऑर्गेनिक हल्दी, देखें pics 6
हल्दी के किसानों को मिलेगी अच्छी कीमत

जानकारी के अनुसार, रायजेमा तथा आसपास के हल्दी किसान अपने हल्दी के उत्पाद को आसपास के विभिन्न हाट- बाजारों में मिट्टी के बने पोइला (बाटी) में भर कर बेचते थे. कहीं दो पोइला चावल पर एक पोइला हल्दी, तो कहीं 80 रुपये में एक पोइला पर हल्दी बेची जाती थी. अब ट्राइफेड के सहयोग से इसे 100 लेकर 700 ग्राम तक पैकेट बना कर बेचा जा रहा है.
ऑर्गेनिक हल्दी की कीमत :
ग्राम : रुपये

100 : 35 रुपये
250 : 80 रुपये
500 : 145 रुपये
700 : 190 रुपये

खरसावां-कुचाई की पहाड़ी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर होती है हल्दी के खेती

खरसावां के रायजेमा से लेकर कुचाई के गोमियाडीह तक पहाड़ियों की तलहटी पर बसे गांवों में बड़े पैमाने पर परंपरागत तरीके से हल्दी की खेती होती है. पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग हल्दी की खेती से जुड़े हुए हैं. पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण हल्दी की खेती के लिए अनुकूल भी माना जाता है. क्षेत्र के किसान हल्दी के गांठ से लेकर अपने स्तर से पाउडर बना कर हाट-बाजारों में बेचते हैं. अब तक किसानों को हल्दी के पाउडर बेचने के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म भी मिल जायेगा. इससे किसानों के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा. माना जाता है कि करीब 4 किलो हल्दी के गांठ में एक किलो हल्दी का पाउडर तैयार होता है.

ट्राइफेड के काउंटर में मिलेगी खरसावां की हल्दी : अर्जुन मुंडा

थानीय सांसद सह केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि ट्राइफेड ने खरसावां हल्दी के नाम से रायजेमा के हल्दी की लॉंचिंग की है. यह खरसावां के साथ-साथ झारखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है. यहां के आदिवासी समुदाय के लोग बिना किसी उर्वरक के ही पारंपरिक तरीके से हल्दी उपजा रहे हैं. अब इनका उत्पाद ट्राइफेड के काउंटर में मिलेगा. इससे गांव के हल्दी किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

Also Read: Coronavirus In Jharkhand : कोरोना आपदा के बीच संजीवनी वाहन को सीएम हेमंत सोरेन ने दिखायी हरी झंडी, अब समय से अस्पतालों को हो सकेगी ऑक्सीजन की आपूर्ति, पढ़िए कोरोना से निपटने का क्या है प्लान रायजेमा के ग्रामीण काफी समय से कर रहे हैं ऑर्गेनिक खेती : शैलेंद्र

वहीं, ट्राइफेड के क्षेत्रीय प्रबंधक शैलेंद्र ने कहा कि रायजेमा व आसपास के गांवों के लोग 60-65 सालों से बगैर किसी तरह के रसायनिक खाद के ही हल्दी की खेती कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के निर्देश पर ट्राइफेड की टीम रायजेमा पहुंच कर जायजा लिया. गांव में स्वयं सहायता समूह बना कर पैकेजिंग का सामान दिया गया. रायजेमा की हल्दी देश में ट्राईफेड की विभिन्न केंद्रों में मिलेगी. ट्राइफेड बाजार भी उपलब्ध करायेगी.

Posted By : Samir Ranjan.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें