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दुर्गा पूजा से पहले धार्मिक अनुष्ठानों के लिए मिली राशि, श्रद्धालुओं में उत्साह

खरसावां (शचींद्र कुमार दाश) : झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सरायकेला व खरसावां में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों व पूजा-पाठ के लिये 11 लाख रुपये का आवंटन उपलब्ध कराया है. खरसावां व सरायकेला को समान रुप से 5.5-5.5 लाख रुपये का आवंटन मिला है. इस राशि से दुर्गा पूजा, काली पूजा, चकड़ पूजा समेत विभिन्न पूजाओं का आयोजन किया जायेगा.

खरसावां (शचींद्र कुमार दाश) : झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सरायकेला व खरसावां में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों व पूजा-पाठ के लिये 11 लाख रुपये का आवंटन उपलब्ध कराया है. खरसावां व सरायकेला को समान रुप से 5.5-5.5 लाख रुपये का आवंटन मिला है. इस राशि से दुर्गा पूजा, काली पूजा, चकड़ पूजा समेत विभिन्न पूजाओं का आयोजन किया जायेगा.

सरायकेला में जहां सरकारी राशि से 13 पूजा का आयोजन किया जाता है, वहीं खरसावां में दस पूजा के आयोजन पर इस राशि को खर्च किया जाता है. सरायकेला में सर्वाधिक दुर्गा पूजा पर करीब 1.11 लाख, काली पूजा पर 52 लाख रुपये खर्च किये जाते हैं. इसी तरह खरसावां में दुर्गा पूजा पर 91 हजार व काली पूजा पर 48 हजार रुपये खर्च होंगे. पाउडी पूजा पर सर्वाधिक 1.82 लाख रुपये खर्च होंगे.

खरसावां की मां पाउडी के पीठ पर प्रत्येक सप्ताह पूजा होती है. इसमें प्रति माह करीब 14 हजार रुपये खर्च होते हैं. खरसावां में खरसावां अंचल कार्यालय के माध्यम से दस अलग-अलग पूजा व धार्मिक अनुष्ठानों में रुपये खर्च होते हैं, जबकि शेष राशि का उपयोग मंदिर की मरम्मत व रखरखाव पर किया जाता है. खरसावां अंचल कार्यालय से विभिन्न पूजा व धार्मिक अनुष्ठानों के लिये चालू वित्तीय वर्ष में सरकार से 6.5 लाख रुपये का आवंटन मांगा गया था, परंतु इस बार भी पूर्व की तरह 5.5 लाख रुपये का ही आवंटन मिला है.

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देश की आजादी के बाद सरकारी स्तर पर सरायकेला व खरसावां में विभिन्न पूजा व धार्मिक अनुष्ठानों आयोजन हो रहा है. 1947 को देश आजाद होने के बाद खरसावां, सरायकेला समेत तमाम देशी रियासत का विलय भारत गणराज्य में करने के दौरान तत्कालीन राजा ने राज्य सरकार से मजर्र एग्रीमेंट किया था. इसके तहत विभिन्न पूजा के आयोजन की व्यवस्था सरकार को करनी है.

बिहार सरकार के समय पूजा व धार्मिक अनुष्ठान के लिये काफी कम आवंटन मिलता था. सरकार से जो आवंटन मिलता था, उसमें पूजा करने भी दिक्कत होती थी. झारखंड गठन के बाद पूजा व धार्मिक अनुष्ठानों के लिये राशि में बढ़ोत्तरी की गयी. पिछले करीब 14 साल से 5.5 लाख रुपये का आवंटन मिलता है.

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खरसावां में सरकारी दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर दस अक्तूबर को 11 बजे सीओ के कार्यालय में बैठक रखी गयी है. बैठक में मुख्य रुप से पूजा के आयोजन को लेकर विचार विमर्श किया जायेगा. चालू वित्तीय वर्ष में पूजा व विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के लिये करीब छह माह के बाद आवंटन मिला है. प्रभात खबर ने 27 सितंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था कि चाईबासा संस्करण में छह माह बाद भी पूजा मद में नहीं मिला आवंटन, प्रशासन ने मांगे 6.5 लाख. चालू वित्तीय वर्ष में छह माह गुजर जाने के बाद आवंटन मिला है.

खरसावां में इन अनुष्ठानों में इतनी राशि खर्च होती है.

पूजा/अनुष्ठान : खर्च होने वाली राशि

पाउड़ी पूजा : 1.82 लाख

दुर्गा पूजा : 91,000

काली पूजा : 48,000

चैत्र पर्व : 80,000

इंद्रोत्सव : 9,000

रथ यात्रा : 70,000

चड़क पूजा : 32,000

धुलिया जंताल :  17,000

नुआ खाई जंताल : 13,000

मुहर्रम : 15,000

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सरायकेला में इन अनुष्ठानों पर इतनी राशि खर्च होती है. पूजा/अनुष्ठान : खर्च होने वाली राशि

चड़क पूजा : 1.84 लाख

दुर्गा पूजा : 1.11 लाख

काली पूजा : 52,000

जगधात्री पूजा : 22,000

रास पूर्णिमा : 18,000

अन्नपूर्णा पूजा : 22,000

झूमकेश्वरी पूजा : 28,000

भैरव पूजा : 28,000

किचकेश्वरी पूजा : 18,000

नुआखाई जंताल : 32,000

Posted By : Guru Swarup Mishra

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