झारखंड में विश्व पर्यावरण दिवस पर मिशन लाइफ कार्यक्रम का आयोजन, मंत्री बादल पत्रलेख ने लोगों से की ये अपील

झारखंड में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य करने वाले लोगों को मंत्री बादल पत्रलेख ने सम्मानित किया. इस दौरान मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 1967 में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की पहल की गई थी

By Prabhat Khabar Print Desk | June 5, 2023 2:29 PM

रांची, राज लक्ष्मी:

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर झारखंड सरकार ने सोमवार को मिशन लाइफ कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम का आयोजन प्रोजेक्ट भवन में किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य एक बेहतर पर्यावरण की दिशा में पहल करना था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर कृषि विकास मंत्री बादल पत्रलेख मौजूद थे. कार्यक्रम के अवसर पर मिशन लाइफ के तहत एक बुकलेट life@झारखंड का मुख्य अतिथियों ने लोकार्पण भी किया.

मौके पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक पर्यावरण एंथम का भी लोकार्पण किया गया. इस अवसर पर पूरे झारखंड में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य करने वाले लोगों को मंत्री बादल पत्रलेख ने सम्मानित किया. इस दौरान मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 1967 में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की पहल की गई थी. हमारे राज्य के कुछ हीरो हैं जो पूरे झारखंड में पर्यावरण की दिशा में पहल कर रहे हैं.

उन्हें आज हमने सम्मानित किया. ये लोग पूरे झारखंड में पर्यावरण की दिशा में बेहतर काम कर रहे हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि जिस तरह से आज हम प्लास्टिक से घिरे हुए हैं वह हमारे लिए खरते की घंटी है. इसपर लोगों का ध्यान तक गया जब आज से 5 साल पहले समुंदर के किनारे एक व्हेल मछली को मरा हुआ पाया गया. जब इसकी जांच हुई तब पता चला कि उसके पेट में 32 किलो प्लास्टिक था. जिसके बाद ही लोगों को इससे हो रहे नुकसान के बारे में पता चला.

आज प्लास्टिक मुक्त दिशा में और कार्य करने की जरूरत है. मंत्री बादल पत्रलेख ने आगे कहा कि महात्मा गांधी की एक बात याद आती है कि अगर कोई वस्तु अपनी जगह पर न रखी हो तो वह कूड़ा है. इस बात को समझने की जरूरत है. विश्व भर में बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के कारण आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ रहा है. 1 वर्ष में 159 अरब डॉलर का नुकसान भारत के श्रमिकों का नुकसान हुआ है. पर्यावरण के बचाव के लिए हम लोगों तक पहुंच तो रहे हैं लेकिन हमारा संदेश अभी भी आम लोगों तक नहीं पहुंच सका है.

यह मिशन सिर्फ कुछ बोर्ड के लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता को भी इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी. तभी हम पर्यावरण की दिशा में बेहतर कार्य कर पाएंगे. इस मौके पर झारखंड प्रदूषण बोर्ड के चेयरमैन शशिधर सामंता, वीसीसीएम हेड ऑफ फॉरेस्ट डॉ संजय श्रीवास्तव, झारखंड प्रदूषण बोर्ड के सदस्य वाईके दास, कुलवंत सिंह समेत कई लोग मौजूद थे.

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