सीयूजे में स्वास्थ्य पत्रकारिता पर दो दिवसीय कार्यशाला में लिम्फेटिक फाइलेरियासिस के बारे में दी गयी जानकारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन की झारखंड इकाई के डॉ अभिषेक पॉल ने फाइलेरिया से जुड़ी तकनीकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि किसी भी विषय पर अपनी बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त करने के लिए उस विषय पर तकनीकी जानकारी आवश्यक है.

By Mithilesh Jha | August 5, 2023 7:50 PM

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड) के ब्राम्बे परिसर में स्वास्थ्य पत्रकारिता पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. ‘लिम्फेटिक फाइलेरियासिस पर रिपोर्टिंग : चुनौतियां और समाधान’ विषयक वर्कशॉप का 5 5 अगस्त को समापन हुआ. कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़ी स्वयंसेवी संस्था एवं झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), गेट्स फाउंडेशन, पीसीआई, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटेजीज, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च जैसी संस्थाओं की भी भागीदारी रही.

तकनीकी सत्र में दी फाइलेरिया से जुड़ी तकनीकी जानकारी

कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत तकनीकी सत्र से हुई, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की झारखंड इकाई के डॉ अभिषेक पॉल ने फाइलेरिया से जुड़ी तकनीकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि किसी भी विषय पर अपनी बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त करने के लिए उस विषय पर तकनीकी जानकारी आवश्यक है. उन्होंने फाइलेरिया के बारे में मौजूदा स्वास्थ्य सुविधा और फाइलेरिया उन्मूलन में आ रही चुनौतियों के बारे में बताया. कहा कि प्रत्येक नागरिक जो फाइलेरिया से प्रभावित जिलों में रहते हैं, उन्हें फाइलेरिया के विषय में जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने मीडिया के स्टूडेंट्स से अपील की कि वे आने वाले दिनों में फाइलेरिया जारूकता और उन्मूलन में सक्रिय भूमिका निभाएं.

फाइलेरिया रोगियों की परेशानियों के बारे में बताया

तकनीकी सत्र के बाद वर्चुअल सत्र में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के पेशेंट नेटवर्क प्रतिनिधि रणविजय कुमार और नेहा ने फाइलेरिया रोग से ग्रसित मरीजों की परेशानियों के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि कैसे लोग फाइलेरिया के बारे में कई मिथकों से जूझ रहे हैं और उन्हें इस रोग के असली कारण के विषय में कोई जानकारी नहीं है.

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नेशनल ट्रॉपिकल डिजीज पर भी हुई चर्चा

दूसरे दिन के तीसरे सत्र में बतौर वक्ता पीसीआई इंडिया में नेशनल ट्रॉपिकल डिजीज प्रोग्राम की वरिष्ठ निदेशक राजश्री दास मौजूद थीं. उन्होंने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सामाजिक कार्य पर पत्रकारिता के छात्रों को संबोधित किया. दूसरे दिन के अंतिम सत्र में गेट्स फाउंडेशन इंडिया के डॉ भूपेंद्र त्रिपाठी ने नेशनल ट्रॉपिकल डिजीज पर चर्चा की. उन्होंने फाइलेरिया की समस्या पर भी विस्तार से चर्चा की. फाइलेरिया के लक्षण पर प्रकाश डालते हुए डॉ भूपेंद्र त्रिपाठी ने सभी मीडिया के विद्यार्थियों से इस गंभीर बीमारी के बारे में जन-जन तक जानकारी पहुंचाने और उसके निदान के लिए उन्हें जागरूक करने की अपील की.

कहानी लेखन प्रतियोगिता के विजेता हुए पुरस्कृत

सभी तकनीकी सत्र के बाद मीडिया के विद्यार्थियों के बीच कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रथम पुरस्कार जनसंचार विभाग के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की विद्यार्थी भव्या भारती, द्वितीय पुरस्कार जनसंचार विभाग के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के विद्यार्थी राहुल कुमार और तृतीय पुरस्कार जनसंचार विभाग के स्नातक पाठ्यक्रम की अनुष्का वर्मा को दिया गया.

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समापन समारोह में ये भी रहे मौजूद

दो दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर अतिथि सीयूजे के स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन एवं मीडिया टेक्नोलॉजी के डीन प्रो विमल किशोर मौजूद थे. उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए पूरे विभाग को बधाई दी और सभी प्रतिभागियों को सम्मनित किया. इस दौरान गेट्स फाउंडेशन इंडिया के डॉ भूपेंद्र त्रिपाठी भी मौजूद थे.

इन लोगों ने कार्यक्रम को बनाया सफल

कार्यक्रम के दौरान जनसंचार विभाग के प्रोफेसर देवव्रत सिंह, सहायक आचार्य डॉ सुदर्शन यादव, सहायक आचार्य डॉ राजेश कुमार, सहायक आचार्य डॉ अमृत कुमार, सहायक आचार्य रश्मि वर्मा, तकनीकी सहायक राम निवास सुथार एवं अजेंगा पमेई मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग की शोधार्थी पूजा कुमारी एवं पूजा पाठक ने किया. इस दौरान जनसंचार विभाग के लगभग 100 विद्यार्थी मौजूद थे.

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