दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ग्रामीण विकास के मुख्य अभियंता निलंबित बीरेंद्र राम व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें बीरेंद्र राम और उसके सीए मुकेश मित्तल को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. पूरे प्रकरण की साजिश में शामिल लोगों के नाम का उल्लेख करने के बदले अन्य शब्द का इस्तेमाल किया गया है. यह प्राथमिकी इडी की ओर से बीरेंद्र राम की काली कमाई की लाउंड्रिंग के लिए रची गयी साजिश के सिलसिले में दी गयी सूचना के आलोक में की गयी है.
बीरेंद्र के मामले की जांच के दौरान इडी ने पाया था कि उसके पिता गेंदा राम के खाते में श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स,अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स और ओम ट्रेडर्स नामक कंपनियों के खाते से 4.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये हैं. बीरेंद्र राम ने अपने पिता गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर किये गये पैसों से दिल्ली में जमीन खरीदी. साथ ही जमीन पर बने पुराने भवन को तोड़ कर आलीशान मकान बनवा रहा है. पूछताछ के दौरान गेंदा राम ने अपने खाते में पैसा ट्रांसफर होने और संपत्ति खरीदे जाने की जानकारी होने से इनकार किया.
इडी ने जांच में पाया कि श्री खाटू ट्रेडर्स व अन्य कंपनियों को खोलने के लिए तीन फर्जी पैन कार्ड का इस्तेमाल किया गया है. तीनों नंबर के पैन सचिन गुप्ता के नाम पर जारी किये गये हैं. कंपनियों के बैंक अकाउंट से लिंक किये गये फोन नंबर की जांच में सचिन गुप्ता का असली नाम ताराचंद होने की जानकारी मिली.
इसके बाद इडी ने तारा चंद को पूछताछ के लिए बुलाया. पूछताछ के दौरान उसने सीए मुकेश मित्तल के निर्देश पर फ़र्ज़ी पैन बनवाने की बात स्वीकार की. फर्ज़ी पैन मामले की जांच पूरी करने के बाद इडी ने दिल्ली पुलिस को जालसाज़ी के इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की थी.
जांच में मिले तथ्यों का ब्योरा(राशि करोड़ रुपये में)
पैन— कंपनी का नाम——वित्तीय वर्ष— जमा राशि
DGRPG9506F—-श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स —2020-21— 0.18
DGRPG9506F—श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स ——2021-22—43.66
DCRPG1369A—-अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स—-2022-23——23.00
DBJPG3661Q—- ओम ट्रेडर्स———-2021-22——9.79
BDJPG3661Q—— ओम ट्रेडर्स——— 2022-23——32.53
बीरेंद्र राम से पूछताछ के लिए इडी को मिली और तीन दिन की रिमांड
मनी लाउंड्रिंग मामले में निलंबित मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम को नौ दिनों की रिमांड के बाद शनिवार को इडी कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान इडी की ओर से न्यायाधीश पीके शर्मा को आवेदन दिया गया कि बीरेंद्र राम से कई और बिंदुओं पर पूछताछ के लिए रिमांड पर दी जाये. कोर्ट ने सुनवाई के बाद और तीन दिनों की रिमांड इडी को दे दी.