मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग लेकर सोमवार को भाजपा नेता राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण के पास पहुंचे. भाजपा नेताओं का आरोप था कि आइएएस श्री एक्का ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पावर ब्रोकर विशाल चौधरी के जरिए मोटी रकम की वसूली की है. पूर्व प्रधान सचिव पर मनी लाउंड्रिंग का मामला भी बनता है. भाजपा नेताओं का राज्यपाल से आग्रह था कि श्री एक्का और ब्रोकर विशाल चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआइ जांच की अनुशंसा करें.
भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से कहा कि यह राज्य की सत्ता के शीर्ष में व्याप्त भ्रष्टाचार तक ही सीमित नहीं बल्कि राज्य और देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय है, जिसकी सीबीआइ जैसी निष्पक्ष संस्था से जांच होनी चाहिए. मुख्यमंत्री द्वारा श्री एक्का को दूसरे विभाग में ट्रांसफर कर देने मात्र से इसका पटाक्षेप नही हो सकता.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में सांसद आदित्य साहू, समीर उरांव, विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, समरी लाल, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी और रवींद्र राय राज्यपाल श्री राधाकृष्णन से मिलने पहुंचे थे. भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को एक वीडियो क्लिप के बारे में बताया, जिसमें प्रधान सचिव श्री एक्का एक बिचौलिये के घर सरकारी फाइल निबटाते देखे जा सकते हैं.
मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री ने श्री एक्का को सीएम के प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रभार में गृह, कारा, सूचना व प्रसारण और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव पद से हटा दिया है. इनको पंचायती राज विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है. राज्यपाल को बताया गया कि वीडियो क्लिप में एक महिला श्री एक्का के बगल में खड़ी होकर फाइल पर साइन करवा रही है. वह कोई कर्मचारी नहीं, बल्कि विशाल चौधरी की कर्मचारी बतायी जा रही है.
वीडियो में विशाल चौधरी अपने महिला कर्मचारी से किसी से पैसे आने के बारे में पूछा रहा है. महिला कर्मचारी के ना कहने पर संभवत: विशाल किसी को फोन लगा कर उससे पैसे का तगादा कर रहा है. भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को बताया कि आइएएस राजीव अरुण एक्का के पास महत्वपूर्ण, मलाइदार और संवेदनशील विभाग थे. फाइलें सचिवालय से सीधे विशाल चौधरी के घर पहुंच जाते थे. इन फाइलों में मोटी रकम वसूलने का स्कोप होता था.
ऐसी सूचना है कि श्री एक्का उन्हीं फाइलों पर हस्ताक्षर करते थे, जिसमें विशाल चौधरी वसूली कर चुका होता था. भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को बताया कि आशंका है कि श्री एक्का ने इस दलाल के जरिए बड़े पैमाने में वसूली की और मनी लाउंड्रिंग हुई है. यह गहन जांच का विषय है. मुख्यमंत्री ने पद व गोपनीयता की शपथ ली है, उनके प्रधान सचिव के असंवैधानिक कृत्य उस गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन है.
गृह विभाग की बेहद संवेदनशील व गोपनीय सूचनाएं उग्रवादियों, आतंकवादियों या अपराधियों तक एक दलाल के मार्फत पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. भाजपा नेताओं का कहना था कि यह आपराधिक दुष्कृत्य है. श्री एक्का ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7 से 13 तक का उल्लंघन किया. यह ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट और केंद्रीय लोक सेवा नियम के 14 का उल्लंघन है. राज्यपाल श्री एक्का को खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करें.