राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खूंटी में महिला सम्मेलन में स्वयंसहायता समूह की 25,000-30,000 महिलाओं को संबोधित करेंगी. संवाद का उद्देश्य राज्य भर में स्वयंसहायता समूहों में जनजातीय महिलाओं के लिए आजीविका और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है. महामहिम द्रौपदी मुर्मू का यह कार्यक्रम खूंटी जिले के बिरसा मुंडा कॉलेज स्टेडियम में होगा. इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. पुलिस एवं प्रशासन ने बाकायदा रिहर्सल भी कर लिया है.
खूंटी शहर को 6 जोन में बांटा गया
हेलीपैड से कार्केड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लाने, कार्यक्रम स्थल पर उनका स्वागत आदि का रिहर्सल किया गया. इधर कार्यक्रम को लेकर पूरे शहर की सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद है. शहर में कार्यक्रम स्थल, कार्केड के रूट और आसपास के क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. आयोजन को लेकर पूरे शहर को छह जोन में बांटा गया.
दंडाधिकारी और पुलिसकर्मी तैनात
हर जोन में बड़ी संख्या में दंडाधिकारी और पुलिसकर्मियों को नियुक्त किया गया. खूंटी के उपायुक्त शशि रंजन और एसपी अमन कुमार ने सभी स्थलों का स्वयं निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया है. भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (TRIFED) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम ( NSTFDC) द्वारा आयोजित महिला एसएचजी सम्मेलन में राष्ट्रपति लाइव डेमो बूथ और स्टॉल का दौरा भी करेंगी.
जनजातीय कला और शिल्प के लाइव प्रदर्शन होंगे
कार्यक्रम के दौरान, ट्राइफेड, एनएसटीएफडीसी और केंद्र/राज्य सरकार के अन्य मंत्रालयों/विभागों के विविध जनजातीय शिल्प के साथ-साथ जनजातीय कला और शिल्प के लाइव प्रदर्शन के लिए बूथ बनाने की योजना है. आयोजन का उद्देश्य महिला उद्यमियों को वनों के बारे में उनके अधिकारों, वीडीवीके के लाभों, वित्तपोषण और बाजार के संभावित मार्गों और पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं के बारे में शिक्षित करना है.
जनजातीय उत्पादों का शिल्पवार प्रदर्शन
इस प्रदर्शन के तहत 20 स्टॉल लगाये जायेंगे. इसके लिए झारखंड और बिहार के 20 आपूर्तिकर्ताओं और वीडीवीके को उनके उत्पादों के साथ भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. इसमें देश भर के जनजातीय उत्पादों को प्रदर्शित करने के अलावा विभिन्न शिल्प वार स्टॉल शामिल होंगे.
शिल्प का प्रदर्शन
शिल्प प्रदर्शन की व्यवस्था वस्त्र, बांस की टोकरी, जैविक खरसावां हल्दी (हल्दी) बनाने, योग मैट बनाने, सबाई घास उत्पाद बनाने, मोती खेती डेमो, सोहराई पेंटिंग, संगीत वाद्ययंत्र बनाने और लाह के आभूषण बनाने के लिए की गयी है.
डाक विभाग और एमएसएमई मंत्रालय के स्टॉल
भारतीय प्राकृतिक रेजिन और गोंद संस्थान (आईआईएनआरजी - IINRG) द्वारा लाह की खेती को बढ़ावा देना, एनएसटीएफडीसी, एनएसआईसी, एनआईईएसबीयूडी, कौशल क्षेत्र परिषद (एफआईसीएसआई), डाक विभाग और एमएसएमई मंत्रालय के स्टॉल.
हेल्थ कॉर्नर
स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए, जनजातीय समुदायों में प्रचलित आनुवंशिक या जीवन शैली की बीमारियां, जैसे सिकल सेल एनीमिया, तपेदिक, मलेरिया और कुपोषण आदि पर जागरूकता के लिए हेल्थ कॉर्नर आयोजित होगा. एससीडी की स्क्रीनिंग भी होगी. स्क्रीनिंग के बाद प्रभावित व्यक्तियों को रोगों और इसके प्रबंधन और निदान के बारे में बताया जायेगा. इन्हें परामर्श भी दिया जायेगा.
ट्राइफेड ने किया है सम्मेलन का आयोजन
झारखंड में इस सम्मेलन का आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय के नियंत्रण में काम करने वाली संस्था ट्राइफेड ने किया है. जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरूता, विश्वेश्वर टुडू और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस सम्मेलन में शामिल होंगे.