झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा ब्राम्बे कैंपस में फोटोग्राफी प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रम के छात्रों ने लेंस के माध्यम से अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया. जनसंचार विभाग द्वारा यह आयोजन वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड सरकार, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (JSPCB) तथा पर्यावरण और ऊर्जा विकास केंद्र, (CEED) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था.
पर्यावरण था प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का विषय
इस प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का विषय पर्यावरण संबंधी मुद्दे जैसे प्रदूषण अथवा उनका समाधान था. यह प्रतियोगिता विश्वविद्यालय के सभी छात्रों के लिए खुली थी. कार्यक्रम का उद्घाटन स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज के डीन प्रो अरविंद चंद पांडेय एवं एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो संजोय कुमार समदर्शी ने किया. इस दौरान उनके साथ स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड मीडिया टेक्नोलॉजी के डीन डॉ विमल किशोर, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज के डीन प्रो भगवान सिंह, एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग के डॉ डीबी लता भी मौजूद थीं.
तस्वीरों का किया गया विश्लेषण
कार्यक्रम के दौरान सीईईडी आउटरीच विभाग की प्रतिनिधि लक्ष्मी पुरती और राणा अभिषेक सिंह भी उपस्थित थे. तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद अतिथियों ने अपनी टिप्पणी दी और कहा कि सभी प्रतिभागी रचनात्मकता और आलोचनात्मक दृष्टिकोण से भरे हैं. इस तरह की प्रतियोगिता उन्हें भविष्य में मदद करेगी और पर्यावरण के बारे में सोचने पर मजबूर करेगी. इसके बाद प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार वितरण किया गया.
प्रतियोगिता सह प्रदर्शनी में 25 लोगों ने लिया हिस्सा
जनसंचार विभाग के अर्जुन मांझी, पर्यावरण विज्ञान विभाग की सुजाता कुमारी और जनसंचार विभाग की भव्या भारती को क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला. आर्यन प्रताप सिंह और निकिता आनंद को सांत्वना पुरस्कार दिया गया. विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से कुल 25 लोगों ने इस प्रतियोगिता सह प्रदर्शनी में हिस्सा लिया.
100 तस्वीरों की लगी थी प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में पर्यावरणीय समस्याओं और उनके समाधानों पर प्रकाश डालते हुए लगभग 100 तस्वीरें प्रदर्शित की गयीं. इस कार्यक्रम का संयोजन जनसंचार विभाग, सीयूजे के सहायक प्रोफेसर डॉ सुदर्शन यादव एवं डॉ अमृत कुमार ने किया. कार्यक्रम के दौरान विभाग के को-ऑर्डिनेटर डॉ राजेश कुमार, रश्मि वर्मा, सभी नॉन टीचिंग स्टाफ, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद थे.