लॉकडाउन के एक माह : मुश्किलों का किया सामना, पर सबमें जीतने का जज्बा

किसानों की कमर टूट गयी, रोज कमाने-खानेवालों पर भी आफत- उद्योगपति नुकसान में, बाजार और आर्थिक गतिविधियां भी ठप हुईं- बच्चों की पढ़ाई का हुआ नुकसान, कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं भी टलीं

By Pritish Sahay | April 25, 2020 1:18 AM

रांची : झारखंड समेत पूरे देश में लॉकडाउन का एक महीना मुश्किलों और परेशानियों से भरा रहा. कटनी का समय होने की वजह से धान, तेलहन और दलहन खेतों में ही पड़े रह गये. किसानों की कमर टूट गयी. रोज कमाने-खानेवालों पर आफत आ गयी. उनके लिए पेट भरना मुश्किल हो गया. अन्य राज्यों में रह रहे अप्रवासी बुरी तरह फंस गये. उनको रहने और खाने का संकट हो गया. व्यापारियों और उद्योगपतियों को नुकसान उठाना पड़ा. छात्रों की पढ़ाई बंद हो गयी. बाजार में किताबें नहीं मिल रही हैं.

परीक्षाएं स्थगित कर दी गयीं. लोग घरों में बंद हो गये. इन सबके बाद कोविड-19 से संक्रमित नहीं होने का डर भी सबके मन में बैठ गया. इन सबके बावजूद कोरोना से जीतने का जज्बा लोगों के मन में कायम रहा. लॉकडाउन की वजह से अपने घरों में फंसे लोगों तक राहत पहुंचाने की कोशिशें लगातार चलती रहीं.

खाद्य आपूर्ति विभाग ने 4.24 लाख जरूरतमंद लोगों तक अनाज पहुंचाया. नाॅन पीडीएस के तहत 2.41 लाख लोगों को अनाज उपलब्ध कराया गया. बेघर गरीबों को 1650 दाल-भात केंद्रों में मुफ्त भोजन कराया जा रहा है. विभिन्न सामाजिक संस्थाएं भी भूखों को भोजन कराने में सरकार के कंधे से कंधा मिला कर खड़ी हैं.

मदद के लिए 9.36 लाख अप्रवासी सूचीबद्धलॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों में फंसे राज्य के लोगों को मदद पहुंचाने के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया. अब तक 9.36 लाख अप्रवासियों को राज्य सरकार मदद पहुंचाने के लिए सूचीबद्ध कर चुकी है. इनमें से 2.4 लाख लोगों को एक हजार रुपये की नकद मदद पहुंचाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.

इसके अलावा राज्य के विधायकों की अनुशंसा पर भी अप्रवासी जरूरतमंदों को दो-दो हजार रुपये की आर्थिक मदद पहुंचायी जा रही है.जरूरी सेवाएं जारी रखने पर जोरलॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाएं लगातार जारी रहीं. शहरों में साफ-सफाई का काम चलता रहा. पानी और बिजली की सप्लाई लगातार जारी रही. अपवादों को छोड़ कर आमलोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की गयी.

देर से सही, लेकिन टोल फ्री नंबरों पर मिलनेवाली शिकायतों का निबटारा होता रहा. पानी और बिजली का कनेक्शन टूट जाने, कूड़ा नहीं उठाने, स्ट्रीट लाइट खराब होने जैसी शिकायतों पर विभाग सक्रिय रहे.इंटरनेट के इस्तेमाल में जबरदस्त तेजीलॉकडाउन के दौरान इंटरनेट के इस्तेमाल में जबरदस्त तेजी आयी. घर में बंद बैठे लोगों ने इंटरनेट की खपत 50 प्रतिशत बढ़ा दी.

लॉकडाउन के पहले एक दिन में बीएसएनएल के सभी मोबाइल ग्राहक मिल कर राज्य में 26,000 जीबी डाटा का प्रयोग करते थे. आज यह बढ़ कर 38,000 जीबी रोज हो गया है. ब्रॉडबैंड में हर दिन औसतन प्रति व्यक्ति 1.55 जीबी की जगह 2.53 जीबी डाटा का उपयोग कर रहा है. इंटरनेट की ज्यादा खपत की वजह से डाउनलोडिंग स्पीड में कमी आ गयी है. डाउनलोडिंग स्पीड करीब 22 प्रतिशत तक कम हो गयी है.

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