शराब से आया कम राजस्व तो सीएम हेमंत सोरेन हुए नाराज, बोले- कार्यशैली में लायें सुधार नहीं तो…

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि शराब दुकानों में कार्यरत कर्मियों का बकाया वेतन भुगतान अविलंब होना चाहिए. उन्होंने बैठक में मौजूद मैनपावर एजेंसियों के प्रतिनिधि को फटकार लगाते हुए राजस्व प्राप्ति के लिए सार्थक प्रयास करने की नसीहत दी

By Prabhat Khabar | November 29, 2022 9:03 AM

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नयी उत्पाद नीति के तहत राजस्व संग्रह एवं क्रियान्वयन की समीक्षा की. प्रोजेक्ट भवन में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने उत्पाद राजस्व संग्रहण कम होने की वजह का पता कर गलतियां दुरुस्त करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि उत्पाद राजस्व संग्रह का वार्षिक लक्ष्य हर हाल में अगले चार महीनों के दौरान पूरा करें. मुख्यमंत्री ने उत्पाद दुकानों के संचालकों की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी, कहा : मैनपावर एजेंसियां अगले 15 दिनों के अंदर कार्यशैली में सुधार लायें. वरना राज्य सरकार कार्रवाई करेगी.

शराब दुकानों में कार्यरत कर्मियों का बकाया वेतन भुगतान अविलंब होना चाहिए. उन्होंने बैठक में मौजूद मैनपावर एजेंसियों के प्रतिनिधि को फटकार लगाते हुए राजस्व प्राप्ति के लिए सार्थक प्रयास करने की नसीहत दी और कहा : स्थिति में यथोचित सुधार नहीं होने पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. राजस्व संग्रहण में शिथिलता बरतने वाली एजेंसियों, थोक विक्रेताओं व पदाधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खुदरा उत्पाद दुकानों की लगातार मॉनिटरिंग सुनिश्चित कर शराब दुकानों के माध्यम से अवैध शराब के धंधे पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्देश दिया और कहा कि राज्य में नकली व अवैध शराब का धंधा करनेवालों पर कड़ी कार्रवाई करें. प्लेसमेंट एजेंसियां दुकानों का लगातार निरीक्षण करें. शराब दुकानों में कार्यरत कर्मियों की अवैध धंधा करनेवालों से मिलीभगत की जांच करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी खुदरा शराब दुकानों का लक्ष्य निर्धारित कर उसके अनुरूप राजस्व संग्रहण करें. शराब दुकानों के बाहर रेट लिस्ट डिस्प्ले लगायें. उल्लेखनीय है कि शराब से नवंबर माह तक 1600 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा गया था, पर आया 1084 करोड़.

ओवर प्राइसिंग की शिकायत :

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब दुकानों पर प्रिंट रेट से अधिक वसूलने की शिकायत मिली है. ओवर प्राइसिंग पर कार्रवाई सुनिश्चित करें. अवैध शराब व शराब की निर्धारित मूल्य में हेरफेर करनेवाले माफिया पर नजर रखें. एक्साइज कंट्रोल रूम को सशक्त करें. शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करें.

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