झारखंड में मनरेगा का हाल: लोगों को अब 100 दिन भी काम मिलना हुआ मुश्किल, इन 8 जिलों की स्थिति सबसे खराब

झारखंड में आज मनरेगा की स्थिति ये है कि लोगों को अब 100 दिन का काम मिलना भी मुश्किल हो गया, केवल राज्य में 2.4 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्हें 100 दिनों का काम नसीब हो सका है. राज्य में मनरेगा के तहत 45.80 लाख मजदूर निबंधित हैं.

By Prabhat Khabar | January 17, 2022 12:21 PM

Jharkhand News, Ranchi News रांची : मनरेगा में 100 दिन का काम मिलना भी अब मुश्किल हो गया है. राज्य में अब तक काम मांगनेवालों में से सिर्फ 2.4 प्रतिशत लोगों को ही 100 दिनों का काम मिल सका है. नियमानुसार, मनरेगा में काम मांगनेवालों को कम से कम 100 दिन का काम देने की बाध्यता है. 100 दिन काम नहीं दे पाने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है. 100 दिन काम देने के मामले में आठ जिलों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पूरे राज्य में मनरेगा के तहत 45.80 लाख मजदूर निबंधित हैं. इनमें से 22.80 लाख मजदूरों ने काम की मांग की है. इनमें से अब तक सिर्फ 54041 मजदूरों को ही 100 दिन काम दे पाना संभव हो सका है. रामगढ़ में 7.1 प्रतिशत और खूंटी में 5.1 प्रतिशत मजदूरों को 100 दिनों का काम मिल पाया है. राज्य के आठ जिलों में 0.9 प्रतिशत से 1.9 प्रतिशत मजदूरों को ही 100 दिन का काम मिल सका है.

इन जिलों में साहिबगंज, गढ़वा, लातेहार, कोडरमा, देवघर, धनबाद, गिरिडीह और सुखाड़ के लिए चर्चित पलामू जिले का नाम शामिल है. नौ जिलों में 2.5 से 2.9 प्रतिशत और पांच जिलों में 3.5 से 4.5 प्रतिशत मजदूरों को ही 100 दिनों का काम मिल सका है. रांची जिले में भी सिर्फ 2.9 प्रतिशत मजदूरों को ही 100 दिन का काम मिल सका है.

  • मनरेगा के तहत 45.80 लाख मजदूर निबंधित हैं

  • 22.80 लाख मजदूरों ने अब तक मांगा है काम

  • सिर्फ 54041 मजदूरों को ही िमला 100 दिन काम

  • 100 दिन काम न देने पर भत्ता देने का है प्रावधान

Posted by : Sameer Oraon

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