JUT ने झारखंड के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज को दी अस्थायी संबद्धता, जानें कौन कौन है लिस्ट में शामिल

झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) में स्टैच्यूट (परिनियम) नहीं रहने के कारण राज्य के दो बड़े संस्थानों बीआइटी सिंदरी और एनआइएएमटी हटिया (पूर्व में निफ्ट) को भी सत्र 2022-23 के लिए अस्थायी संबद्धता प्रदान करनी है. स्टैच्यूट लागू होने के बाद इन कॉलेजों को भी स्थायी संबद्धता मिल सकेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2022 1:41 PM

Ranchi news: झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) में स्टैच्यूट (परिनियम) नहीं रहने के कारण राज्य के दो बड़े संस्थानों बीआइटी सिंदरी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी (एनआइएएमटी) हटिया (पूर्व में निफ्ट) को भी सत्र 2022-23 के लिए अस्थायी संबद्धता प्रदान करनी है. स्टैच्यूट लागू होने के बाद इन कॉलेजों को भी स्थायी संबद्धता मिल सकेगी.

विवि संबद्धता कमेटी ने इसके अलावा 15 इंजीनियरिंग कॉलेज और 42 पॉलिटेक्निक कॉलेजों को भी संबद्धता प्रदान की है. जबकि, इस बार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) द्वारा मान्यता प्राप्त 12 संस्थानों में बीबीए व 14 संस्थानों में बीसीए की पढ़ाई शुरू करने की मान्यता प्रदान कर दी है. कुलपति प्रो विजय पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राज्य के 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों को संबद्धता प्रदान कर दी है. इनमें निलय इंस्टीट्यूट को नियमानुसार प्रक्रिया पूरी नहीं किये जाने के कारण तीन माह के लिए ही संबद्धता प्रदान की गयी है. विवि समिति ने 42 पॉलिटेक्निक कॉलेजों को भी संबद्धता प्रदान की है.

इन इंजीनियरिंग कॉलेजों को मिली अस्थायी संबद्धता

बीआइटी सिंदरी, एनआइएएमटी के अलावा रामगढ़, चाईबासा व देवघर में पीपीपी मोड में चल रहे इंजीनियरिंग कॉलेज, प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीआइटी, आरटीसी, आरवीएस, डीएवी इंजीयनियरिंग डालटनगंज, बीए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मेरीलैंड इंजीनियरिंग कॉलेज, गुरुगोविंद सिंह कॉलेज बोकारो, रामगोविंद इंजीनियरिंग कॉलेज कोडरमा, केके इंजीनियरिंग कॉलेज धनबाद, निलय इंस्टीट्यूट.

90 दिनों में कमियां पूरी करें

विवि स्तर पर कॉलेजों द्वारा निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट जमा की है. समिति ने रिपोर्ट के आधार पर कई कॉलेजों में एआइसीटीइ के मापदंड पालन में कमियां पायी हैं. विवि संबद्धता कमेटी ने सभी पीपीपी व प्राइवेट कॉलेजों व संस्थानों को 90 दिनों के अंदर कमियां पूरी करने का निर्देश दिया है.

आइआइटी धनबाद व आरडीसीआइएस सेल के बीच हुआ समझौता

आरडीसीआइएस सेल रांची और आइआइटी (आइएसएम) धनबाद ने रोलिंग प्रक्रिया में नैनो टेक्नोलॉजी में आपसी सहयोग के लिए बुधवार को समझौता किया. सेल, रांची के सीजीएम रोलिंग पी पाठक और आइआइटी आइएसएम के प्रोफेसर सागर पाल डीन आर एंड डी ने इस समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किये. टीम ने एन बनर्जी ईडी आरडीसीआइएस से मार्गदर्शन लिया.

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