Political news : विवाद पैदा कर युवाओं को रोजगार का मौका नहीं देना चाहती है भाजपा : कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि राज्य में भाषा विवाद भाजपा के मुख्यमंत्री रघुवर दास के शासनकाल में शुरू हुआ था. भाषाई बंटवारा भाजपा के एजेंडा में शामिल रहा है.

By RAJIV KUMAR | June 21, 2025 12:32 AM

रांची.

कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा चाहती है कि राज्य में युवाओं को रोजगार का अवसर न मिले. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि राज्य में भाषा विवाद भाजपा के मुख्यमंत्री रघुवर दास के शासनकाल में शुरू हुआ था. भाषाई बंटवारा भाजपा के एजेंडा में शामिल रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही 2019 की नियमावली में आवश्यक बदलाव कर जेटेट परीक्षा का आयोजन किया जायेगा. महागठबंधन सरकार हर नियुक्ति के पहले सभी पहलुओं को अच्छी तरह परखना चाहती है. भाजपा को नियुक्तियों और रोजगार के अवसरों को लटकाने में सफलता नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी के शासनकाल में जेपीएससी से हुईं नियुक्तियां अब भी विवाद के घेरे में है. मुकदमे चल रहे हैं. दरअसल, झारखंड में भाजपा का पूरा शासनकाल विवादों और काले धब्बों से भरा रहा है. महागठबंधन सरकार झारखंड के सभी जिलों के निवासियों के लिए एक सोच रखती है. सभी समुदाय और भाषाओं को उचित मान सम्मान देती है.

भाजपा ने सीवरेज-ड्रेनेज के नाम पर 100 करोड़ का घोटाला : कांग्रेस

रांची.

केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा है कि सांसद को आज रांची की चिंता हो रही है. इसको इंदौर बनाने की बात कर रहे हैं. राजधानी का नारकीय हाल किसने किया, यह भी भाजपा नेताओं को बताना चाहिए. शहर में मेयर व डिप्टी मेयर किसका था. राजधानी के विकास का जिम्मा किनके हाथों में रहा. श्री सिन्हा ने कहा कि आज अगर शहर में जल जमाव है, तो इसके पीछे रांची के विधायक सीपी सिंह की कार्यशैली है. भाजपा सरकार के कार्यकाल में नाला और सीवरेज-ड्रेनेज के नाम पर दो सौ करोड़ खर्च कर 100 करोड़ रुपये का घाेटाला हुआ. जल जमाव इसी का नतीजा है. उन्होंने कहा कि हरमू नदी नाला बन गया. इनके डिप्टी मेयर अपने पुत्र को निगम में टेंडर देने में मशगूल रहे. सांसद अपनी सरकार के कार्यकाल की नाकामियाें का ठीकरा कब तक दूसरे पर फोड़ अपनी जिम्मेवारी से भागेंगे. रांची के सांसद संजय सेठ भी बयान देकर अपनी जिम्मेवारियों से मुक्त होना चाहते हैं. सांसद के रूप में अपनी जवाबदेही स्वीकार करना चाहिए. हर मामले में राजनीतिक रोटी सेंकने का काम न करें.

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