Jharkhand Teachers Recruitment 2021 : अब स्नातकोत्तर विषयों में भी घंटी आधारित शिक्षकों की होगी बहाली, शिक्षा विभाग जल्द लायेगा प्रस्ताव, मिलेगी इतनी सैलरी

स्नातकोत्तर के विषयों को पढ़ाने के लिए पीएचडी उत्तीर्ण व नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति साक्षात्कार के बाद की जायेगी. साक्षात्कार लेने का अधिकार संबंधित विवि के कुलपति की अध्यक्षता में बनी कमेटी की होगी. राज्य सरकार इन शिक्षकों के लिए राशि उपलब्ध करायेगी.

By Prabhat Khabar | May 28, 2021 12:17 PM

University Teacher Vacancy In Jharkhand रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में अब स्नातक की तरह स्नातकोत्तर विषयों में भी स्वीकृत पद के विरुद्ध घंटी आधारित सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की जायेगी. इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सहमति दे दी है. अब उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा इससे संबंधित प्रस्ताव को वित्त विभाग की सहमति के बाद कैबिनेट की बैठक में अंतिम स्वीकृति के लिए भेजने की तैयारी में है.

स्नातकोत्तर के विषयों को पढ़ाने के लिए पीएचडी उत्तीर्ण व नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति साक्षात्कार के बाद की जायेगी. साक्षात्कार लेने का अधिकार संबंधित विवि के कुलपति की अध्यक्षता में बनी कमेटी की होगी. राज्य सरकार इन शिक्षकों के लिए राशि उपलब्ध करायेगी.

राज्य सरकार ने यह कदम झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर की नियमित नियुक्ति में तकनीकी कारणों से हो रहे विलंब को देखते हुए उठाया है. नियमित नियुक्ति होने पर घंटी आधारित शिक्षक स्वत: पद से हट जायेंगे. इन शिक्षकों को भी प्रति कक्षा 600 रुपये व अधिकतम 36 हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे. हालांकि, राज्य सरकार मानदेय भुगतान पर एक बार और विचार करेगी. राज्य सरकार घंटी आधारित शिक्षकों को भी प्रतिमाह एक मुश्त मानदेय देने के पक्ष में है. वित्त विभाग से स्वीकृति मिलने पर ही राज्य सरकार इसे लागू कर पायेगी.

राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में विभिन्न महाविद्यालयों में स्नातक के विषयों को पढ़ाने के लिए घंटी आधारित सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की. राज्य के सभी विवि में लगभग साढ़े सात सौ शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं. रांची विवि समेत कई विवि में यही शिक्षक स्नातकोत्तर के विषयों को भी पढ़ा रहे हैं और मानदेय प्राप्त कर रहे हैं. विवि का तर्क है कि वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने स्वीकृत रिक्त पद के विरुद्ध नियुक्ति करने का निर्देश दिया था.

स्नातक या स्नातकोत्तर का जिक्र नहीं रहने के कारण इन्हीं शिक्षकों को स्नातकोत्तर विषयों के रिक्त पद पर नियुक्त कर दिया गया है. बताया जाता है कि स्नातकोत्तर विषयों के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों को प्रति कक्षा 500 रुपये और कार्यरत शिक्षकों के पढ़ाने पर प्रति कक्षा 300 रुपये मानदेय भुगतान की स्वीकृति दी गयी है. इसके अलावा विवि व पीएचडी प्रवेश परीक्षा टॉपर को भी पढ़ाने की अनुमति दी गयी है.

विवि द्वारा घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली कर दिये जाने से बहुत कम ही विभाग में सेवानिवृत्त या फिर कार्यरत शिक्षक कक्षा ले पा रहे हैं. विवि के कई विषयों में जेपीएससी द्वारा बैकलॉग से स्वीकृत पद पर नियुक्ति होने के बावजूद घंटी आधारित शिक्षक कक्षाएं ले रहे हैं. भविष्य में विवि के लिए तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं.

वर्तमान में नियुक्त शिक्षक को 30 सितंबर 2021 तक का मिला है विस्तार

राज्य सरकार ने स्नातक विषयों के लिए नियुक्त घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2018 में तीन वर्ष या जेपीएससी द्वारा नियमित नियुक्ति होने तक के लिए की थी. जनवरी 2021 में तीन वर्ष होने से पूर्व मुख्यमंत्री ने इन्हें 31 मार्च 2021 तक के लिए सेवा विस्तार दिया. नियमित नियुक्ति में और विलंब होता देख सरकार ने इन्हें पुन: 30 सितंबर 2021 तक के लिए विस्तार दिया है.

कोरोना के कारण ऑफलाइन कक्षाएं नहीं होने के कारण इन शिक्षकों का मानदेय कई महीनों से नहीं मिल पाया है. सरकार ने इन्हें मानदेय देने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है. इस बीच विवि प्रशासन ने सभी कॉलेजों व पीजी विभागाध्यक्षों से इन शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं लेने के साक्ष्य के साथ प्रतिमाह के बिल सर्टिफाइड कर भेजने का निर्देश दिया है.

Posted By : Sameer Oraon

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