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झारखंड के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, केंद्र की तर्ज पर HRA व DA बढ़ा, कैबिनेट ने 24 प्रस्तावों पर लगायी मुहर

झारखंड की हेमंत सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मियों के HRA और DA में बढ़ोतरी की है. वहीं, सर्किल रेट पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाने संबंधी मुहर कैबिनेट ने लगायी है. मंगलवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक में कुल 24 प्रस्तावों पर मुहर लगायी गयी है.

Jharkhand News (रांची) : झारखंड की हेमंत सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को त्योहार पूर्व तोहफा दिया है. केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के कर्मचारियों का हाउस रेंट अलाउंस (HRA) बढ़ाने पर स्वीकृति दी है. राज्यकर्मियों को अब केंद्र के कर्मियों के अनुरूप ही एचआरए देय होगा. वहीं, राज्य कर्मियों का महंगाई भत्ता (DA) 25 फीसदी से अधिक हो गया है. मंगलवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक में कुल 24 प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गयी है.

झारखंड कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव के संबंध में जानकारी देते हुए कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि कर्मियों का महंगाई भत्ता (DA) 25 फीसदी से अधिक हो गया है. इस वजह से HRA की दर बढ़ा कर 27 फीसदी, 18 फीसदी और 9 फीसदी तय की गयी है. HRA में यह बढ़ोतरी 1 जुलाई, 2021 की तिथि से मान्य होगा.

इसके अलावा कैबिनेट ने छठा वेतनमान पानेवाले अपुनरीक्षित कर्मियों का महंगाई भत्ता 164 से बढ़ाकर 189 प्रतिशत करने पर मंजूरी दी है. इसका लाभ पेंशनधारियों और पारिवारिक पेंशनधारियों को भी समान रूप से मिलेगा. वहीं, पंचम वेतनमान पानेवाले कर्मियों का महंगाई भत्ता भी 312 प्रतिशत से बढ़ाकर 356 प्रतिशत कर दिया गया है. दोनों ही मामलों में कर्मियों को एक जुलाई, 2021 से लाभ देय होगा.

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अब सर्किल रेट पर लगेगा प्रॉपर्टी टैक्स

झारखंड में अब जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित किये जानेवाले जमीन के सर्किल रेट के आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स देय होगा. प्रॉपर्टी टैक्स को सर्किल रेट से टैग करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए कैबिनेट ने झारखंड नगरपालिका संशोधन विधेयक 2021 को स्वीकृति दी. बता दें कि अब तक राज्य में सड़कों को आधार मान कर प्रॉपर्टी टैक्स निर्धारित होता था. लेकिन, अब जमीन के सर्किल रेट के आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा.

नगर निकायों द्वारा मुख्य सड़क और अन्य सड़क के पास स्थित संपत्ति की दर निर्धारित कर टैक्स वसूली की जाती थी. इसके तहत कच्चे और पक्के निर्माण के लिए एक ही दर निर्धारित होती थी. झुग्गी-झाेपड़ी और पक्का मकान, दोनों के लिए टैक्स की दर बराबर रखी गयी थी. अब आवासीय और गैर आवासीय निर्माण के लिए सर्किल रेट के आधार पर अलग-अलग दर तय की जायेगी. झारखंड प्रॉपर्टी टैक्स को सर्किल रेट से जोड़ कर रिफॉर्म लागू करनेवाला देश का दूसरा राज्य बन गया है. 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर यह रिफॉर्म किया गया है.

10 लाख रुपये सर्किल रेट के मकान पर देने होंगे 750 रुपये

नये प्रावधान के मुताबिक, आवासीय निर्माण के लिए सर्किल रेट का 0.075 प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में देय होगा. वहीं, गैर आवासीय प्रॉपर्टी के लिए 0.15 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा. यानी एक हजार रुपये प्रति वर्गफीट के सर्किल रेट वाले क्षेत्र में एक हजार वर्गफीट पर किये गये निर्माण का सर्किल रेट 10 लाख रुपये हुआ. 10 लाख रुपये का 0.075 प्रतिशत यानी 750 रुपये प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में देना होगा. जबकि, इसी जगह पर किये गये गैर आवासीय संपत्ति के लिए 0.15 प्रतिशत यानी 1500 रुपये प्रॉपर्टी टैक्स लगेगा.

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दलीय आधार पर नहीं होगा नगर निकायों का चुनाव

कैबिनेट द्वारा स्वीकृत झारखंड नगर पालिका संशोधन विधेयक, 2021 में राज्य के नगर निकायों में दलीय आधार पर चुनाव का प्रावधान खत्म कर दिया गया है. फिलहाल, नगर निकायों में मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए दलीय आधार पर चुनाव कराया जाता है. अब किये गये संशोधन के मुताबिक नगर निकायों में किसी भी पद के लिए दलीय आधार पर चुनाव नहीं कराया जायेगा.

निकायों के मेयर व अध्यक्षों का सीधा चुनाव जनता वोट देकर करेगी. वहीं, डिप्टी मेयर या उपाध्यक्षों का सीधा चुनाव नहीं होगा. सभी पार्षद आपस में मिल कर डिप्टी मेयर व उपाध्यक्ष को चुनेंगे. चुनाव में गड़बड़ी या प्रत्याशी के अयोग्य पाये जाने पर राज्य सरकार कार्रवाई करने में सक्षम होगी.

Posted By : Samir Ranjan.

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