झारखंड में सक्रिय साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब कानून को और कठोर बनाया जायेगा. साथ ही साइबर अपराधियों या उनके द्वारा अवैध तरीके से परिवार के नाम अर्जित संपत्ति को भी जब्त करने का प्रावधान किया जायेगा. सीआइडी मुख्यालय के अधिकारियों ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है, इसे ‘झारखंड स्पेशिफिक साइबर लॉ’ की संज्ञा दी गयी है.
इस प्रस्ताव को सीआइडी के आइजी असीम विक्रांत मिंज व सीआइडी के एसपी कार्तिक एस मिलकर तैयार करेंगे. प्रस्ताव को पुलिस मुख्यालय के माध्यम से सरकार के पास भेजा जायेगा. प्रस्ताव पर विधि विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद इसे लागू करने की दिशा में कार्रवाई शुरू की जायेगी. नये नियम के लागू होने के बाद साइबर अपराधियों के खिलाफ आइटी एक्ट सहित आइपीसी की दूसरी धाराओं में केस दर्ज किये जा सकेंगे, जिसमें अधिक सजा का प्रावधान होगा.
इसलिए जरूरी है कानून को और कठोर बनाना :
पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, अमूमन साइबर फ्रॉड में आइटी केस सहित धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया जाता है. इसमें कम सजा का प्रावधान होता है. आरोपी जल्द ही जमानत पर जेल से बाहर निकल आता है और दोबारा साइबर अपराध में सक्रिय हो जाता है
एक साइबर अपराधी की संपत्ति जब्त कर चुका है इडी :
झारखंड पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए इडी को अब तक 44 प्रस्ताव भेजे हैं. इनमें से छह में इडी ने प्राथमिकी दर्ज की है. इडी द्वारा एक मामले में साइबर अपराधी की 64 लाख की संपत्ति जब्त कर कोर्ट में चार्जशीट समर्पित किया जा चुका है.