कोलकाता कैश कांड में पकड़े गये विधायकों का निलंबन वापस, कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने की घोषणा

गौरतलब है कि कोलकाता पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान इरफान अंसारी, विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप 49 लाख रुपये के साथ पकड़ा था. जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

By Sameer Oraon | July 28, 2023 2:01 PM

कोलकाता कैश कांड में पकड़े गये 3 विधायकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस केस फंसे विधायक राजेश कच्छप, इरफान अंसारी और नमन विक्सल कोंगाड़ी का निलंबन वापस ले लिया है. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने इसकी घोषणा की. इधर, निलंबन वापस होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में विधायक इरफान अंसारी ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रदेश अध्यक्ष का राजेश ठाकुर का आभार व्यक्ति किया. सभी विधायक निलंबन मुक्ति के लिए लगातार प्रयासरत थे. 3 मई को तीनों ने कांग्रेस के महासचिव वेणुगोपाल से दिल्ली में मुलाकात की थी तब से ही कयास लगाये जा रहे थे कि इनका निलंबन वापस हो जाएगा.

कैश कांड में पकड़े जाने के बाद हुई थी कार्रवाई

गौरतलब है कि कोलकाता पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान इरफान अंसारी, विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप 49 लाख रुपये के साथ पकड़ा था. जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बाद इसकी जांच कोलकाता सीआईडी कर रही थी. इसके बाद भी तीनों मुश्किलें थमने का नाम नहीं ली. बेरमो विधायक अनूप सिंह ने इनके खिलाफ अरगोड़ा थाने में शिकायत दर्ज करायी थी.

हाईकोर्ट ने भी ठहराया था अवैध

झारखंड हाईकोर्ट ने भी निलंबित विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को बड़ी राहत देते हुए दर्ज जीरो एफआइआर अवैध करार दिया था. बता दें कि प्रार्थी विधायक राजेश कच्छप व अन्य की ओर से क्रिमिनल रिट याचिका दायर की गयी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने अरगोड़ा थाना में जीरो एफआइआर दर्ज करना सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये गाइडलाइन का उल्लंघन माना था. अदालत ने जीरो एफआइआर को पश्चिम बंगाल के पंचला थाना में ट्रांसफर करने को द्वेषपूर्ण बताया था.

प्रवर्तन निदेशालय ने भी किया था समन जारी

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) ने कैश कांड (Cash Scandal) से जुड़े कांग्रेस के तीन विधायक डॉ इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को हाजिर होने का निर्देश दिया था. ईडी ने डॉ इरफान अंसारी को 13 जनवरी, राजेश कच्छप को 16 और नमन विक्सल कोंगाड़ी को 17 जनवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया था. हालांकि, तीनों जांच एजेंसी द्वारा दिये गये तारीख में पेश नहीं हो सके थे. जिसके बाद उन्हें दोबारा समन जारी किया गया था.

बेरमो विधायक अनूप सिंह से भी हुई थी 10 घंटे तक पूछताछ

झारखंड कांग्रेस के विधायक अनूप सिंह से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने पूछताछ की थी. ये पूछताछ तकरीबन 10 घंटे चली थी. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि अधिकारियों ने उन्हें अच्छा भोजन कराया था. उन्होंने कहा था कि जांच के लिए जब-जब ईडी उन्हें बुलायेगी, वे हाजिर हो जायेंगे. बता दें कि कोलकाता कैश कांड (Kolkata Cash Scandal) में बेरमो के विधायक अनूप सिंह को ईडी ने तलब किया था. ईडी ने 16 दिसंबर को उन्हें नोटिस भेजा था.

नवंबर में ईडी ने अपने हाथ में ली थी कैश कांड की जांच

केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने नवंबर में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी. इसके बाद उसने अनूप सिंह को नोटिस जारी किया था. उधर, पश्चिम बंगाल पुलिस की कार्रवाई के बाद कांग्रेस पार्टी ने कथित तौर पर झारखंड की महागठबंधन सरकार का तख्तापलट करने की साजिश रचने के आरोपी तीनों विधायकों को पार्टी से निलंबित कर दिया था.

विधायक कैश कांड में राजेश कच्छप ED के पास बोले

ईडी की टीम ने जब विधायक राजेश से कोलकाता पुलिस द्वारा जब्त पैसों के स्रोत के बारे में पूछा था तो उन्होंने कहा था कि उन्होंने 49 लाख रुपये माइनिंग से जुटाये थे. पूछताछ के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताने की कोशिश की थी और असम जाने व राज्य सरकार को गिराने की किसी साजिश में शामिल होने के आरोपों को गलत बताया था. हालांकि इस बात की सही जानकारी देने में असमर्थ रहे कि माइनिंग क्षेत्र के किन किन लोगों से यह पैसे जुटाये गये थे. वहीं दूसरी ओर इरफान अंसारी ने सोमवार को हुई पूछताछ के दौरान कोलकाता यात्री की वजह साड़ी खरीदना ही बताया था.

31 जुलाई 2022 को कोलकाता में तीनों विधायक हुए थे अरेस्ट

विधायक कैश कांड में हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश रचने के सिलसिले में अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह से ईडी पूछताछ कर चुकी है. कोलकाता पुलिस ने तीनों विधायकों को 49 लाख रुपये के साथ 31 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था. कोलकाता कोर्ट ने तीनों विधायकों को जमानत पर रिहा करने के बाद कोलकाता निगम क्षेत्र में ही रहने की शर्त लगा दी थी. इसकी वजह से तीनों विधायक जमानत मिलने के बाद भी कई दिनों तक कोलकाता में ही रहे. इसके बाद अदालत ने उन्हें झारखंड जाने की अनुमति दी थी.

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