अर्थशास्त्री, डॉ ज्योति प्रकाश:
बजट में कुछ सेक्टर को छोड़ दिया गया है. उच्च शिक्षा में जैसे नयी शिक्षा नीति को लागू किया गया है. उसमें फंड की जरूरत है. क्योंकि आपको अधिकतर जगह उच्च शिक्षण संस्थान को खोलना है. जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की पहुंच वहां तक हो सके. इसके अलावा नयी शिक्षा नीति का एक पार्ट है सभी तक आसानी से और सस्ते दर से शिक्षा पहुंच पहुंचाना.
वो भी इस बजट में नहीं दिखा. इसमें प्राइवेट विवि को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन सरकारी विवि को नहीं खोलने की तैयारी दिख रही है. वहीं बजट में एसटी के बारे में बहुत नहीं कहा गया है. उनका एक बहुत बड़ा प्रतिशत जो गरीबी रेखा के नीचे है, उनमें रोजगार की संभावनाएं कम हैं और जो अभी काम कर रहे हैं, वो ज्यादा स्किल्ड नहीं है. इस बजट में इनके रोजगार की बात नहीं की गयी है. वहीं आपने देखा कि फूड सिक्यूरिटी में उपलब्धता की बात की गयी है, कुपोषण नहीं होना चाहिए.
उसके लिए भी बात की गयी है. लेकिन तीसरी चीज है फूड खरीदने के लिए जो सिक्यूरिटी की बात होनी चाहिए, जिसके लिए पैसा भी तो होना चाहिए. तो आय कैसे सृजन होगा और आय तब सृजन होगा, जब रोजगार का सृजन होगा. उसके बारे में बात नहीं की गयी है. ये तीन चीजें मुझे प्रमुख लगी. जिस पर विचार करना चाहिए था. वहीं ग्रामीण विकास में और पैसा देना चाहिए था. 2022-23 में जो था, उससे अधिक इस बजट में नहीं दिख रहा है. उसको और भी बढ़ाना चाहिए था. झारखंडी भाषाओं सहित अन्य मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराने की सरकार की पहल बेहतर है. इसके अलावा बाकी बजट ठीक है और इसमें कई संभावनाएं दिख रही है.