झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 1,16,418 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने और कृषि क्षेत्र में ‘मिलेट मिशन’ नाम की नयी योजना शुरू करने की घोषणा बजट में की गयी है. राज्य सरकार के चयनित स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक बंगला और उड़िया भाषा की पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रावधान किया गया है.
रोजगार नहीं मिलने की स्थिति में कौशल प्रशिक्षित युवक-युवतियों को छह महीनों तक एक हजार से 1500 रुपये प्रतिमाह भत्ता देने की घोषणा की गयी है. राज्य में हवाई यात्रा बढ़ाने के लिए दुुमका और बोकारो हवाई अड्डा से उड़ान शुरू करने की योजना बनायी गयी है. साहिबगंज में हवाई अड्डा निर्माण के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ एमओयू किया जायेगा. अगले वित्तीय वर्ष में आमलोगों के लिए सस्ती दर पर एयर एंबुलेंस शुरू करने का प्रावधान किया गया है.
आधारभूत संरचनाओं के विकास पर होगा जोर :
सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान स्थापना व्यय कम किया है और योजना खर्च बढ़ाया है. बजट में 45,445 करोड़ रुपये का प्रावधान स्थापना व्यय के लिए और 70,973 करोड़ रुपये का प्रावधान योजना मद के लिए किया गया है. योजना मद में केंद्रीय व केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 16,438.41 करोड़ और राज्य योजना मद में 54,534.58 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. चालू वित्तीय वर्ष के दौरान स्थापना व्यय और योजना खर्च का अनुपात 43:57 था.
अगले वित्तीय वर्ष के दौरान यह 39:61 रहेगा. सरकार ने आधारभूत संरचनाओं के विकास में तेजी लाने के लिए भी चालू वित्तीय वर्ष के मुकाबले अगले वित्तीय वर्ष में अधिक राशि का प्रावधान किया है. चालू वित्तीय वर्ष में आधारभूत संरचनाओं के लिए 18,017 करोड़ का प्रावधान है. अगले वित्तीय वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ा कर 25,317 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य :
सरकार ने कृषि के क्षेत्र में ‘मिलेट मिशन’ नाम की नयी योजना शुरू की है. इसके तहत मोटे अनाज जैसे जवार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगनी, कुटकी, कोदो, चीना व सावा का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
किसानों को सुलभ पूंजी उपलब्ध कराने के लिए फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) के माध्यम से 50 करोड़ रुपये का अनुदान देने की व्यवस्था की गयी है. ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए ‘मुख्यमंत्री पशुधन योजना’ के तहत 300 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया गया है. इस राशि से ग्रामीणों को पशुधन उपलब्ध कराया जायेगा.
सरकार ने गिरिडीह और जमशेदपुर में डेयरी प्लांट और रांची में मिल्क पाउडर व मिल्क प्रोडक्ट प्लांट स्थापित करने का फैसला किया है. इससे दूध उत्पादन से जुड़े किसानों को आसानी से बाजार उपलब्ध हो सकेगा.
पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में बढ़ाया कदम : सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन मिशन की शुरूआत की है. इस योजना के तहत मनरेगा से एक लाख और राज्य योजना से 50 हजार रुपये का भुगतान कर किसानों की निजी जमीन पर सिंचाई कूप का निर्माण कराया जायेगा. बजट में दुमका के पटमदा और पलामू में मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना शुरू करने की घोषणा की गयी है.
पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने बजट में पंचायत सचिवालय सुदृढ़ीकरण योजना का प्रबंध किया है. इसके तहत पंचायत सचिवालय में पंचायत कार्यालय के अतिरिक्त प्रज्ञा केंद्र की सुविधा उपलब्ध होगी. जहां से सभी प्रकार के प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जायेगा. इसके अलावा वहां बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट की सुविधा भी उपलब्ध होगी. पंचायत ज्ञान केंद्रों की स्थापना भी की जायेगी. पंचायत सचिवालयों का जिला एवं राज्य स्तर से संवाद स्थापित करने के लिए सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से 65 इंच का एलइडी टीवी भी लगाया जायेगा.
आंगनबाड़ी को संसाधन युक्त बनाने की तैयारी, बढ़ा मानदेय :
बजट में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के मानदेय में वृद्धि करने की घोषणा की गयी है. अगले वित्तीय वर्ष में सेविका के मानदेय में 500 रुपये और सहायिका के मानदेय में 250 रुपये की बढ़ाेतरी की जायेगी. साथ ही उनको सामूहिक बीमा योजना का लाभ दिया जायेगा. सेविकाओं को सूचनातंत्र से जोड़ने के लिए स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जायेगा. आंगनबाड़ी केंद्रों में पाठशाला पूर्व शिक्षा के लिए ‘आंगनबाड़ी चलो अभियान’ शुरू करने की घोषणा की गयी है. इसके तहत बच्चों को पोशाक, वर्कबुक और सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को फर्नीचर दिया जायेगा.
स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी, युवाओं को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण :
बजट में अगले वित्तीय वर्ष के दौरान रांची में पीपीपी मोड पर ‘अल्कोहल डी एडिक्शन सेंटर’ खोलने की घोषणा की गयी है. साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में वृद्धि के उद्देश्य से बोकारो और रांची में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रावधान किया गया है. सरकार ने जन वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से मोटे अनाज और प्रोटीनयुक्त खाद्य सामग्री के वितरण की भी घोषणा की है.
अगले वित्तीय वर्ष के दौरान 1.40 लाख युवक-युवतियों को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है. प्रशिक्षण के बाद रोजगार नहीं मिलने पर छह महीनों तक पुरुषों को एक हजार और महिलाओं व दिव्यांगों को 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से भत्ता देने की नयी योजना शुरू की जायेगी. बजट में अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए नये छात्रावास बनाने का प्रावधान किया गया है. इनमें मॉडल लाइब्रेरी की भी स्थापना की जायेगी.
सड़कों की दशा सुधारने की कवायद
बजट में आजादी के बाद भी जंगल में बसे जिन गांवों को सड़क से नहीं जोड़ा गया है, उनको पक्की सड़क से जोड़ने की घोषणा की गयी है. इसके लिए 1,162.70 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है. वहीं, राजधानी रांची का ट्रैफिक सुगम बनाने के उद्देश्य से मास्टर प्लान के अनुरूप इनर रिंग रोड के मिसिंग लिंक का निर्माण करने के लिए बजट में व्यवस्था की गयी है. ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के तहत आगामी वित्तीय वर्षों में सभी स्वास्थ्य उपकेंद्र, बाजार-हाट, पंचायत कार्यायल, विद्यालय, पोस्ट ऑफिस व बैंकों को पक्की सड़क से जोड़ दिया जायेगा.
नये औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण की घोषणा :
गैर पारंपरिक उर्जा को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मोड पर चांडिल में फ्लोटिंग पॉवर प्लांट स्थापित करने के लिए प्रावधान किया गया है. उद्योग के विस्तार के लिए सरकार ने नये औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण की घोषणा की है. साथ ही पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के खराब हो चुके आधारभूत संरचना के जीर्णोद्धार का प्रबंधन भी किया गया है.
औद्योगिकीकरण और क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने के लिए एमएसएमइ निदेशालय स्थापित करने और नयी एमएसएमइ पॉलिसी बनाने की घोषणा की गयी है. विश्वबैंक संपोषित योजना झारखंड म्यूनिसिपल डेवलपमेट प्रोजेक्ट के तहत लोहरदगा, गुमला और कपाली नगर निकायों में शहरी जलापूर्ति योजना शुरू की जायेगी.
जनता से सीधा संवाद करेगी सरकार :
सरकार ने पर्यटन क्षेत्र की असीम संभावनाओं को देखते हुए नयी पर्यटन नीति बनाने और राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का फैसला किया है. खेलों को बढ़ावा देने के लिए ग्रासरूट ट्रेनिंग सेंटर और सिद्धो-कान्हू युवा क्लब स्थापित किये जायेंगे. राज्य सरकार के डिजिटल डाटा को सुरक्षित रखने के लिए स्टेट डाटा रिकवरी सेंटर का निर्माण किया जायेगा. जनता व सरकार के बीच द्विपक्षीय वार्ता के लिए एक पहल नाम की याेजना शुरू की जायेगी. इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री व पदाधिकारियों द्वारा लाइव वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनता के साथ संवाद स्थापित किया जायेगा.