36.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

मेडिकल ऑक्सीजन मामले में झारखंड बना आत्मनिर्भर, ऑक्सीजन बैंक बनायेगी हेमंत सरकार, अब दूसरे राज्यों को हो रही अधिक आपूर्ति

Jharkhand News (रांची) : मेडिकल ऑक्सीजन के मामले में झारखंड आत्मनिर्भर बना गया है. हेमंत सरकार राज्य के सभी जिलों में ऑक्सीजन बैंक बनाने और जिलों के सदर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की दिशा में भी काम शुरू कर चुकी है. झारखंड सरकार खुद की जरूरतों को पूरा कर अब दूसरे राज्यों को अधिक ऑक्सीजन की अापूर्ति कर रहा है.

Jharkhand News (रांची) : मेडिकल ऑक्सीजन के मामले में झारखंड आत्मनिर्भर बना गया है. हेमंत सरकार राज्य के सभी जिलों में ऑक्सीजन बैंक बनाने और जिलों के सदर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की दिशा में भी काम शुरू कर चुकी है. झारखंड सरकार खुद की जरूरतों को पूरा कर अब दूसरे राज्यों को अधिक ऑक्सीजन की अापूर्ति कर रहा है.

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में कोरोना संक्रमितों की जीवन रक्षा के लिए समय रहते ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया. अपने सीमित संसाधनों के साथ इस कार्य में काफी हद तक सरकार सफल भी रही. इसी के तहत दो दिन पूर्व सीएम ने रामगढ़ के मांडू स्थित डीएवी स्कूल, घाटोटांड़ में ऑक्सीजन युक्त 80 बेड के कोविड केयर सेंटर का ऑनलाइन उद्घाटन किया, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जरूरतमंदों को किसी तरह की परेशानी न हो.

दूसरी लहर ज्यादा चिंताजनक

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक रही. नेशनल क्लीनिकल रजिस्ट्री के अनुसार, पहली लहर में लोगों में सांस की तकलीफ 41.7 प्रतिशत थी, जो दूसरी लहर में बढ़कर 47.5 प्रतिशत हो गयी. यह एक चिंताजनक स्थिति रही. सांस की तकलीफ बढ़ने पर मेडिकल ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ने लगी. सीएम श्री साेरेन हालात पर लगातार नजर बनाये रखे. राज्य के विशेषज्ञों की भी राय रही कि जिस तरह से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए राज्य को मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाना होगा.

Also Read: रांची के बाजार से ब्लैक फंगस की दवा नदारद, बढ रहीं मौतें, मरीजों की बढ़ी चिंता
मेडिकल ऑक्सीजन के लिए टास्क फोर्स का गठन

संक्रमित मरीजों को मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए ऑक्सीजन टास्क फोर्स का गठन किया गया. टास्क फोर्स द्वारा राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन कैसे बढ़े, ऑक्सीजन सिलिंडर व जरूरी उपकरणों की उपलब्धता और अस्पतालों तक निर्बाध आपूर्ति कैसे हो, इस पर योजना बनाकर काम किया गया. अप्रैल 2021 तक राज्य में 12 ऑक्सीजन रिफिलिंग यूनिट थी. ये यूनिट प्रतिदिन 6000 से 7000 सिलिंडर को रिफिल करने की क्षमता रखती थी.

राज्य में कार्यरत 5 मेडिकल ऑक्सीजन निर्माताओं द्वारा 315 टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा था. 22 अप्रैल तक इस क्षमता को बढ़ाकर 570 टन प्रतिदिन किया गया. इसके बाद भी राज्य में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता को और बढ़ाने का काम जारी रहा. परिणाम यह रहा कि झारखंड अब दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों को पहले से अधिक ऑक्सीजन सप्लाई कर रहा है.

22 अप्रैल 2021 तक राज्य में 80 से 100 टन मेडिकल ऑक्सीजन रोजाना की मांग थी, जबकि राज्य में उत्पादन उससे कहीं ज्यादा हो रहा था. लेकिन, ऑक्सीजन सिलिंडर और संबंधित उपकरणों की कमी की वजह से शुरू में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में कुछ दिक्कत हुई. इसके बाद ऑक्सीजन सिलिंडर की उपलब्धता के लिए प्रयास किये गये. राज्य में उपलब्ध इंडस्ट्रियल सिलिंडरों को भी मेडिकल सिलिंडरों के रूप में परिवर्तित किया गया.

Also Read: इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर्स संगीता समेत 40 लोगों ने लिया काेरोना टीका, बोली- टीका है सुरक्षित
ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ी

अप्रैल माह में पूरे राज्य में 1824 नये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड उपलब्ध कराये गये. उस समय यह प्रयास किया गया कि सभी जिलों में कम से कम 50 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड जरूर उपलब्ध हो. एक बार यह काम हो जाने के बाद बेड की संख्या में लगातार इजाफा किया गया. अभी राज्य के सभी जिलों में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या संतोषजनक कही जा सकती है.

ऑक्सीजन प्लांट का किया निरीक्षण

संकट की घड़ी में सीएम श्री सोरेन ने ऑक्सीजन प्लांटों का भी निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए भी निर्देश दिये. इसके बाद राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन काफी तेजी से बढ़ाया गया.

संजीवनी वाहन की शुरुआत

ऑक्सीजन उपलब्धता को अस्पतालों में सुनिश्चित करने के लिए सीएम श्री सोरेन ने संजीवनी वाहन की शुरुआत की. संजीवनी वाहनों की शुरुआत होने से काफी फायदा हुआ. इन वाहनों में 24 घंटे ऑक्सीजन सिलिंडर लदे होते हैं. फिलहाल यह सुविधा राजधानी रांची के अस्पतालों के लिए की गयी है. रांची के जिस अस्पताल में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, इन वाहनों के द्वारा तत्काल वहां ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. अब रांची और धनबाद के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं हो रही. मरीजों को ऑक्सीजन के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है.

Also Read: हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से 183 ऑक्सीजन सिलिंडर की चोरी, मामला दर्ज
ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या में इजाफा

मई के पहले हफ्ते में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के मल्टी लेबल पार्किंग में नये कोविड केयर सेंटर की शुरुआत हुई. इसमें 327 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं. इससे काफी राहत मिली है. सदर अस्पताल की व्यवस्था की देखरेख के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को लगाया गया. इससे मरीजों को ऑक्सीजन बेड या इलाज में काफी मदद मिली है.

हेल्पलाइन की शुरुआत

संक्रमण के शुरुआती दौर में मरीजों और उनके परिजनों को अस्पतालों के चक्कर लगाकर खुद ही जानकारी लेनी पड़ रही थी. उससे उन्हें काफी परेशानी हो रही थी. मरीजों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 104 जारी किया. हेल्पलाइन से अस्पतालों में बेड की स्थिति और ऑक्सीजन की उपलब्धता सहित तमाम जरूरी जानकारियां उपलब्ध करायी जा रही हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें