झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा द्वारा झारखंड आंदोलनकारी अगुवा पद्मश्री मुकुंद नायक, डॉ संजय बसु मल्लिक, प्रभाकर तिर्की, डॉ इलियास मजीद, अनुज कुमार सिन्हा, सीमा देवी व अन्य को सम्मानित किया गया. बिनोद बिहारी महतो और एके राय को समर्पित यह समारोह अंजुमन इस्लामिया के मुसाफिरखाना में आयोजित हुआ. बतौर मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों ने इस राज्य के लिए जो किया है, वह अनमोल है.
राज्य को आगे ले जाने की जिम्मेवारी हम सबकी है. पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि आज इस बात की समीक्षा करने की जरूरत है कि हमारे पुरखों का सपना कहां तक साकार हुआ है? कहीं हम अपने ही घर में परदेसी तो नहीं बन रहे? पद्मश्री मधु मंसूरी ने कहा कि हमारे ही लोग हमारे हित में काम करने को तैयार नहीं हैं, जो कष्टदायक है. प्रो संजय बसु मल्लिक ने एक पुरानी घटना की चर्चा करते हुए कहा कि झारखंड के लोग कम पढ़े लिखे हो सकते हैं, लेकिन अच्छे विचार, अच्छी भावनाओं के धनी हैं.
दुर्भाग्यवश यह राज्य आंतरिक उपनिवेशवाद की स्थिति से नहीं निकल पाया है. प्रभाकर तिर्की ने कहा कि पूंजीवादी ताकतों का ध्यान संसाधनों पर ज्यादा, यहां के लोगों की खुशहाली पर कम रहता है. राज्य के विकास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को झारखंड आंदोलनकारियों के साथ बैठक करनी चाहिए.
मौके पर पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा, जफर खान, फारुख आजम, सुनील फकीरा कच्छप व अन्य ने भी विचार रखे. संचालन पुष्कर महतो ने किया. इस अवसर पर आंदोलनकारियों का लाल व हरे रंग का पगड़ी पहना कर अभिनंदन किया गया. मौके पर नज्म अंसारी, मुन्नी देवी, लाल विजय नाथ शाहदेव, रोजलिन तिर्की, सीता रानी जैन, सरोजिनी कच्छप, भुवनेश्वर केवट, अनवर खान सहित कई आंदोलनकारी मौजूद थे.