मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में जमाबंदी संबंधी मामले को लेकर सरकार गंभीर है़ सरकार विभिन्न योजनाओं को लेकर कैंप लगा रही है़ सभी विभागों के पदाधिकारी कैंप में आ रहे है़ं दो चरणों में एक करोड़ से अधिक मामले आये है़ं इसमें अधिकांश शिकायत जमाबंदी से है़ अवैध जमाबंदी को रद्द करने की प्रक्रिया लंबी है़ सीओ की जांच के बाद, डीसी की जांच, फिर कमिशनर से होते हुए सरकार तक पहुंचती है.
सरकार मामले का निबटारा प्रखंड व जिलास्तर पर ही हो, इसका निर्णय ले रही है. सरकार एक स्तर तक मामले में सीओ को अधिकार देने पर विचार कर रही है. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को सत्र के दौरान भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के सवाल का जवाब देने के दौरान कही. उन्होंने सदन को बताया कि इससे संबंधित विभाग उनके अधीन ही है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि जमाबंदी से जुड़े 15 हजार मामले का निष्पादन किया जा चुका है़ विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सरकार से पूछा था कि राज्य में 1़75 लाख अवैध जमाबंदी के मामले लंबित है़ं सरकार की लापरवाही से 3़ 65 लाख एकड़ से अधिक जमीन की अवैध जमाबंदी की जा चुकी है़ जमीन मामले में राज्य में हत्याएं हो रही है़ ऑनलाइन में हेराफेरी हो रही है़ मूल रैयत का नाम बदल दिया जा रहा है़ यह सवाल पहले भी आया था़ मुख्यमंत्री का निर्देश था कि हर अंचल में कैंप लगा कर मामले को निष्पादित किया जाये़ लेकिन कहीं कैंप नहीं लग रहा है.
सीएनटी-एसपीटी की जमीन पर दखल-दिहानी के मामले में जिलों से रिपोर्ट मांगेगी राज्य सरकार
राज्य सरकार सीएनटी-एसपीटी जमीन पर दखल-दिहानी के मामले की रिपोर्ट जिला से लेगी़ मंत्री जोबा मांझी ने सदन में बताया कि इससे संबंधित निर्देश दे दिया जायेगा़ अल्पसूचित के तहत कांग्रेस विधायक शिल्पा नेहा तिर्की ने मामला उठाते हुए सरकार से पूछा कि सीएनटी एक्ट के तहत मूल रैयतों की जमीन वापसी के लिए दखल-दिहानी का प्रावधान है.
सरकार बताये कि सरकार के पास कितने आवेदन आये और कितने पर कार्रवाई हुई़ मंत्री जोबा मांझी का कहना था कि 901 आवेदन निष्पादित हुए. 3326 मामले लंबित हैं और 299 में दखल-दिहानी हुई है़ विधायक शिल्पा की आपत्ति थी कि वर्ष 2021 में भी सरकार ने यह जवाब दिया है़ आंकड़े भी हैं. अधिकारी क्या कर रहे हैं. मंत्री का कहना था कि ऐसा है, तो जांच करा लेते हैं.