पटना में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का पुतला जलाने का रांची में भी विरोध, बिहार सरकार से की ये मांग

सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब सिखों की सिरमौर संस्था है. वहां के जत्थेदार सिंह साहब पंथ की आवाज, बुनियाद, सिद्धांत, मर्यादा और निशान के प्रतीक हैं. कोई भी सच्चा सिख श्री अकाल तख्त साहिब और जत्थेदार की शान व मर्यादा खिलाफ सपने में भी नहीं सोच सकता है.

By Guru Swarup Mishra | December 9, 2022 2:12 PM

Jharkhand News: रांची शहर की गुरुद्वारा कमेटियों ने बिहार की राजधानी पटना में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का पुतला जलाए जाने की तीखी अलोचना की है और इस घटना को निंदनीय बताते हुए बिहार सरकार से सभी दोषियों को दंडित करने की मांग की है. सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब सिखों की सिरमौर संस्था है. कोई भी सच्चा सिख श्री अकाल तख्त साहिब और जत्थेदार की शान व मर्यादा खिलाफ सपने में भी नहीं सोच सकता है और पटना में कुछ उपद्रवियों द्वारा सिख पंथ की शान के प्रतीक जत्थेदार के सम्मान के खिलाफ बोला जा रहा है. उनका पुतला जलाया गया है.

पुतला जलाने का किया विरोध

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा मेन रोड, गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा रातू रोड, गुरुद्वारा पिस्का मोड़, गुरुद्वारा साहिब कडरु, गुरुद्वारा स्टेशन रोड, झारखंड सिख फेडरेशन एवं गुरुनानक सेवक जत्था ने एक स्वर से इस घटना की निंदा की और इसका विरोध किया. सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब सिखों की सिरमौर संस्था है. वहां के जत्थेदार सिंह साहब पंथ की आवाज, बुनियाद, सिद्धांत, मर्यादा और निशान के प्रतीक हैं. कोई भी सच्चा सिख श्री अकाल तख्त साहिब और जत्थेदार की शान व मर्यादा खिलाफ सपने में भी नहीं सोच सकता है और पटना में कुछ उपद्रवियों द्वारा सिख पंथ की शान के प्रतीक जत्थेदार के सम्मान के खिलाफ बोला जा रहा है. उनका पुतला जलाया गया है. ये उपद्रवी सिखों की शहादत-कुर्बानी के इतिहास की जानकारी नहीं रखते हैं. यदि सिख इतिहास के जानकार होते और सिख होने का जज्बा होता तो श्री अकाल तख्त के जत्थेदार की शान के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलते.

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इन्होंने की घटना की निंदा

घटना का विरोध करने वालों में गुरु सिंह सभा मेन रोड के गुरमीत सिंह, गगनदीप सिंह सेठी, सत्संग सभा के द्वारका दास मुंजाल, अर्जुन देव मिढ़ा, हरविंदर सिंह बेदी, मनीष मिढ़ा, गुरुद्वारा पिस्का मोड़ के हरविंदर सिंह लाली, गुरदीप सिंह तिवाना, रंजीत सिंह बॉबी, जसपाल सिंह पंढ़ेर, हरप्रीत सिंह रॉकी, सतविंदर सिंह सेठी, गुरुद्वारा स्टेशन रोड के कुलवंत सिंह, परमजीत सिंह टिंकू, कर्नल विजय सिंह, रंजीत सिंह, हरमीर सिंह, गुरुद्वारा कडरु के जसमीत सिंह, हरमिंदर सिंह, शरणजीत सिंह, जगत जोत सिंह, हरजिंदर सिंह, झारखंड सिख फेडरेशन के अमरजीत सिंह, प्रीतपाल सिंह, ज्योति सिंह मथारू, गोल्डी सिंह तथा गुरूनानक सेवक जत्था के मनीष मिढ़ा, पवनजीत खत्री, अश्विनी सुखीजा, आशु मिढ़ा, नवीन मिढ़ा, पंकज मिढ़ा शामिल थे.

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