सिल्ली के जंगल में करीब हफ्ते भर से आग लगी हुई है. जंगल को कॉरिडोर के रूप में इस्तेमाल करनेवाले हाथियों ने आग की वजह से गांव का रुख कर लिया है. वहीं, ग्रामीण हाथियों के पीछे-पीछे घूम रहे हैं. इससे वन विभाग की परेशानी बढ़ गयी है. विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे हाथियों को परेशान न करें. सोमवार अलसुबह 40 हाथियों का झुंड बंता के समीप पहुंच गया. झुंड में कई बच्चे भी शामिल हैं.
सोमवार को दिन भर हाथी बंता के समीप जमे रहे. वहीं, हाथियों को देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण उमड़ पड़े. कई बार हाथियों ने भीड़ को भी दौड़ाया. इधर, मामले की गंभीरता को देख सिल्ली थाना प्रभारी आकाशदीप पुलिस बल के साथ बंता पहुंचे. उन्होंने लोगों को हाथियों के पास जाने से रोका. पुलिस की सूचना पर वन विभाग के कर्मी मौक पर पहुंचे और हाथियों को इलाके से भगाने का प्रयास शुरू किया.
स्थानीय लोगों के अनुसार, बीती रात हाथी तुनकू के जंगलों में थे, लेकिन जंगल में आग लगने के कारण हाथी गांव का रुख कर गये हैं. बताया जाता है कि कई बार हाथियों ने निर्धारित मार्ग से निकलने की कोशिश की, लेकिन लोगों की भीड़ देख वे पहाड़ों की ओट में दुबके रहे. वहीं, हाथियों के कारण आसपास गांवों में भय का माहौल है. लोग रतजगा कर रहे हैं.
सिल्ली हाथियों का जंक्शन है और यहां का जंगल उनका कॉरिडोर. सरायकेला से रामगढ़ या बंगाल जाने के क्रम में हाथी यहां कुछ दिनों के लिए रुकते हैं. ग्रामीण महुआ चुनने की लालच में जंगलों में आग लगा देते हैं, जिससे हाथी भटक जाते हैं. लोगों से अपील है कि वे हाथियों को न परेशान करें और न ही उन्हें नुकसान पहुंचाने का प्रयास करें. जंगल में आग भी न लगायें.
- राजेश कुमार सिंह, रेंजर, वन विभाग