प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों की पूछताछ में डीएसपी प्रमोद मिश्रा, बरहरवा कांड मामले में आनन-फानन में पंकज मिश्रा व आलमगीर आलम को क्लीन चिट देने की वजह नहीं बता पाये. मामले से जुड़े साइंटिफिक एविडेंस को नजरअंदाज करने के मामले में उन्होंने चुप्पी साध ली. सोमवार को सात घंटे तक चली पूछताछ के बाद रात को प्रमोद मिश्रा को छोड़ दिया गया. साथ ही निर्देश दिया गया कि संपत्ति से संबंधित दस्तावेज लेकर बुलाये जाने पर उन्हें आना होगा.
हाइकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद डीएसपी पंकज मिश्रा सोमवार दोपहर करीब 2:00 बजे इडी के दफ्तर पहुंचे. यहां इडी के अधिकारियों ने उनसे बरहरवा कांड में किये गये सुपरविजन नोट से संबंधित सवाल पूछे. साथ ही यह भी जानना चाहा कि उन्होंने 24 घंटे में ही सुपरविजन नोट क्यों जारी कर दिया? जबकि, उनके पास पहले से दर्ज अनेकों मामलों के सुपरविजन लंबित है. बरहरवा कांड में जल्दबाजी करने पीछे क्या कारण थे? क्या इसके लिए उन पर किसी तरह का कोई दबाव था या उन्होंने खुद ही इस मामले में जल्दी दिखायी? बरहरवा कांड से जुड़े ज्यादातर सवालों पर उन्होंने चुप्पी साध ली.
प्रमोद मिश्रा से संपत्ति और आयकर का ब्योरा भी मांगा गया : पूछताछ के पहले दौर में इडी के अधिकारियों ने उनसे उनकी और पारिवारिक सदस्यों की जानकारी मांगी. इसके बाद अपना और पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित और पैतृक संपत्तियों के सिलसिले में सवाल पूछे. उनके द्वारा दायर किये जानेवाले आयकर के ब्योरे में किन-किन चीजों का उल्लेख किया गया है, इससे संबंधित जानकारी भी मांगी गयी. इसके बाद उन्हें संपत्ति आदि से संबंधित दस्तावेज लाकर देने का निर्देश दिया गया.
उल्लेखनीय है कि बरहरवा कांड की जांच के दौरान पुलिस ने जिस वायरल वीडियो की नजरअंदाज किया था, इडी ने उसकी जांच करायी. विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में पंकज मिश्रा द्वारा शंभुनंदन को धमकी देेने की पुष्टि हो चुकी है. इडी की टीम को कई वीडियो मिले हैं, जिसके आधार पर जांच हो रही है.