राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि हमें अपनी न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए. न्यायिक प्रणाली विलंब के लिए कहा भी गया है कि देरी से मिला न्याय, न्याय न मिलना है. हमें अपनी न्यायिक प्रक्रियाओं की दक्षता बढ़ाने, आधुनिक तकनीक को अपनाने और सभी के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए रास्ते तलाशने चाहिए.
हमें जमानतदार और कानूनी संसाधनों के अभाव में जेलों में बंद गरीब आदिवासियों की दुर्दशा पर भी विचार करने की आवश्यकता है. हमें उन लोगों के बीच की खाई को पाटना चाहिए, जो कानूनी प्रतिनिधित्व वहन कर सकते हैं या नहीं कर सकते हैं. राज्यपाल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि झारखंड उच्च न्यायालय राज्य के नागरिकों के बीच विश्वास और भरोसे को बढ़ायेगा.
साथ ही सभी के लिए न्याय की दिशा में अपना मार्ग प्रशस्त करेगा. लोग आपकी ओर विश्वास और आशा के साथ देख रहे हैं कि उनके भूमि विवादों का त्वरित और न्यायपूर्ण समाधान प्रदान करेंगे. राज्यपाल ने कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र का मंदिर है, जहां लोग न्याय के लिए जाते हैं. लोग न्यायपालिका के प्रति आस्था रखते हैं और न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णयों का सम्मान व आदर करते हैं.
कानून मंत्री ने कहा- स्थानीय भाषा में एक्सेस टू जस्टिस पर करेंगे काम
केंद्रीय विधि व न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 1500 से अधिक अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त किया गया है. न्याय को आैर सरल बनाना है. स्थानीय भाषा का उपयोग न्यायिक व्यवस्था में करना है. सबों को न्याय मिले, इस पर काम हो रहा है.
अगले 25 वर्षों में स्थानीय भाषा में एक्सेस टू जस्टिस पर काम करेंगे. तकनीक के माध्यम से भी हम न्याय के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. लोगों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए न्याय व्यवस्था में सैकड़ों नवाचार किये जा रहे है. वर्चुअल सुनवाई शुरू हुई. केंद्र सरकार न्यायपालिका की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध व कटिबद्ध है.
चीफ जस्टिस बोले- राष्ट्रपति मातृ शक्ति की पराकाष्ठा
झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हाइकोर्ट के नये भवन का उदघाटन गाैरव की बात है. राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि वह अल्प सूचना पर उदघाटन के लिए तैयार हो गयीं. झारखंड से उनका गहरा लगाव है. राष्ट्रपति मातृ शक्ति की पराकाष्ठा हैं. सभी के प्रयास से हाइकोर्ट को नया भवन मिल रहा है. न्याय का मंदिर है, सबों को त्वरित व सुलभ न्याय मिलेगा. चीफ जस्टिस श्री मिश्र ने शेर सुनाते हुए कहा कि जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है. हमारी यादों का इम्तिहान अभी बाकी है. अभी तो नापी है सिर्फ मुट्ठी भर जमीन, पूरा आसमान अभी बाकी है.