36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

कोल इंडिया में हड़ताल : झारखंड को हो सकता है 61 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान

Coal India Strike, Jharkhand News, Revenue Loss : रांची/नयी दिल्ली : कोल इंडिया के कर्मचारी संगठनों की तीन दिन की हड़ताल से झारखंड को कम से कम 61 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. कोयला मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. अधिकारी ने कहा है कि झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओड़िशा जैसे कोयला उत्पादक राज्यों को कुल 319 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है.

रांची/नयी दिल्ली : कोल इंडिया के कर्मचारी संगठनों की तीन दिन की हड़ताल से झारखंड को कम से कम 61 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. कोयला मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. अधिकारी ने कहा है कि झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओड़िशा जैसे कोयला उत्पादक राज्यों को कुल 319 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है.

सरकार के कोयला के वाणिज्यिक खनन को अनुमति देने के फैसले के विरोध में यह हड़ताल बुलायी गयी है. श्रमिक संगठनों की इस हड़ताल से लगभग 40 लाख टन कोयला उत्पादन के नुकसान की आशंका है. अधिकारी ने बताया कि ओड़िशा को सर्वाधिक लगभग 70 करोड़ रुपये की हानि होने का अनुमान है.

इसके अलावा छत्तीसगढ़ को 66 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 61 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 27 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 23 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश को 11 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

Also Read: कोयले की कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में श्रमिक संगठनों ने किये प्रदर्शन, सीसीएल ने कहा : झारखंड की खदानों में हड़ताल का असर नहीं

अधिकारी ने कहा कि कोल इंडिया प्रतिदिन औसतन 15 लाख टन कोयले का उत्पादन करती है. इससे लगभग 106 करोड़ रुपये का राजस्व राज्यों के खजाने में जाता है. कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दिसंबर में संसद को सूचित किया था कि सरकार ने 2013-14 से 2018-19 तक कोल इंडिया से राजस्व में 2.03 लाख करोड़ रुपये का संग्रह किया है.

प्राप्त कुल राजस्व में से, वर्ष 2018-19 में अधिकतम 44,826.43 करोड़ रुपये मिले थे. इससे पहले वर्ष 2017-18 में 44,046.57 करोड़ रुपये जबकि वर्ष 2019-20 में 44,068.28 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ.

इसी तरह वर्ष 2015-16 में सरकार को कोल इंडिया से 29,084.11 करोड़ रुपये, वर्ष 2014-15 में 21,482.21 करोड़ रुपये और वर्ष 2013-14 में 19,713.52 करोड़ रुपये का राजस्व मिला. असम, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओड़िशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल प्रमुख कोयला उत्पादक राज्य हैं.

Also Read: Shravani Mela 2020 : देवघर के श्रावणी मेला की सदियों पुरानी परंपरा टूटी, झारखंड हाइकोर्ट ने हेमंत सोरेन सरकार को दिया यह निर्देश

कोल इंडिया की ट्रेड यूनियनें अन्य मुद्दों के साथ वाणिज्यिक कोयला खनन की अनुमति देने के सरकार के फैसले का विरोध कर रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी.

कोयला मंत्री जोशी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल को छोड़कर किसी भी राज्य सरकार ने निजी कंपनियों के लिए कोयला क्षेत्र को खोलने के सरकार के कदम का विरोध नहीं किया.

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें