कोयला कर्मियों के वेतन समझौते को लेकर कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक (डीपी) विनय रंजन के कोयला मंत्रालय को लिखे गये पत्र के बाद विवाद हो गया है. अधिकारी एसोसिएशन ने डीपी के पत्र में उठाये गये मुद्दे को भ्रामक बताया है. एसोसिएशन ने कहा है कि डीपी मामले को तोड़-मोड़ कर पेश कर रहे हैं. एसोसिएशन ने आगे बताया है कि डीपी ने मंत्रालय को पत्र लिखकर कर्मियों की 19 फीसदी वेतन वृद्धि को उचित करार दिया है.
कहा गया है कि इससे कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक नहीं हो रहा है. यह डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीइ) के आदेश का उल्लंघन नहीं होगा. अब कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन (सीएमओएआइ) ने डीपी के पत्र के बाद मंत्रालय को भी पत्र लिखा है. डीपी श्री रंजन ने कोयला मंत्रालय को लिखा है कि नये वेतन समझौते से अधिकारियों का वेतन कर्मचारियों से कम नहीं होगा.
इ-3 रैंक के अधिकारी का वेतन ए-1 रैंक के कर्मचारी से अधिक होगा. पूर्व में डीपीइ ने कहा था कि वेतन समझौते के बाद कर्मचारियों का वेतन किसी भी स्थिति में अधिकारियों से अधिक नहीं होना चाहिए. वेतन समझौते में इसका ख्याल रखना चाहिए. वेतन समझौता होने के बाद डीपीइ को जानकारी देने का प्रावधान है.
डीपी ने डीपीइ की गाइडलाइन की दी जानकारी :
कोल इंडिया के डीपी श्री रंजन ने 2017 में जारी डीपीइ की गाइडलाइन के मद्देनजर जानकारी दी है. बताया है कि कोल इंडिया में अधिकारी इ-2 रैंक (मैनेजमेंट ट्रेनी) में योगदान देते हैं. इनका वेतनमान 50000-160000 रुपये है. एक साल का प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद वेतनमान 60000-180000 रुपये हो जाता है. एक जुलाई 2016 में ए-1 ग्रेड के कर्मचारी का प्रति माह न्यूनतम बेसिक वेतन 47892 रुपये था.
19 फीसदी वेतन वृद्धि होने पर ए-1 ग्रेड के कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक एक जुलाई 2021 को 71030.56 रुपये हो जायेगा. कर्मचारियों को अलग से कोई भत्ता भी नहीं दिया जाता है. केवल नर्सिंग और अंडर ग्राउंड एलावेंस के भत्ते का ही प्रावधान है. अधिकारियों को वेतन के अतिरिक्त 35 फीसदी पर्क्स भी दिया जाता है. प्रशिक्षण के बाद अधिकारियों की पोस्टिंग इ-3 रैंक में हो जाती है. इसके बाद कुल वेतन ए-1 रैंक के अधिकारियों से अधिक हो जाती है. इस कारण नया वेतन समझौता डीपीइ को गाइडलाइन के अनुरूप ही किया गया है.
इ-1 वाले भी अधिकारी वर्ग से ही
ऑफिसर्स एसोसिशएन ने लिखा है कि कोल इंडिया में अधिकारियों की बहाली इ-1 रैंक में होती है. वे भी अधिकारी ही हैं. उनको हटाकर अधिकारी की गणना नहीं हो सकती है. एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएन सिंह के अनुसार, कंपनी में करीब तीन हजार अधिकारी हैं. यह उनकी भावना को आहत करनेवाला निर्णय होगा. इसका एसोसिएशन कड़ा विरोध करता है.
उन्होंने कहा कि इ-1 रैंक के अधिकारी को कोल इंडिया के ए-1 रैंक के कर्मचारी से करीब 33 हजार रुपये कम वेतन हो जायेगा. डीपी ने इ-3 रैंक से गणना कर मंत्रालय को गलत सूचना दी है. अभी भी कई अधिकारी इ1 से इ-2 रैंक में प्रोन्नत होनेवाले हैं. ऐसे में इ-3 रैंक के साथ ए-1 रैंक के कर्मचारी की गणना गलत है.