ग्रामीण विकास विभाग के जूनियर इंजीनियर सुरेश वर्मा की गिरफ्तारी के दौरान एक कमरे से एसीबी को मिले 2.67 करोड़ रुपये की बरामदगी केस में निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम की संलिप्तता पर एसीबी ने जांच शुरू कर दी है. इसके लिए एसीबी की ओर से कोर्ट में आवेदन दिया गया है. जमशेदपुर एसीबी की टीम ने जूनियर इंजीनियर को 14 नवंबर 2019 को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तारी के बाद डिमना चौक स्थित उनके आवास में एसीबी ने छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान एक बंद कमरे से 2.67 करोड़ रुपये बरामद हुए थे. यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि वह रुपये किसके हैं. बरामद रुपये को सुरेश वर्मा ने अपना पैसा बताने से इनकार कर दिया था. जिस कमरे से रुपये बरामद हुए थे, वह कमरा आलोक रंजन का था. आलोक रंजन बीरेंद्र राम के चचेरे भाई हैं.
बाद में एसीबी को जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि बरामद रुपये बीरेंद्र राम के हो सकते हैं. इस बिंदु पर आगे अनुसंधान के लिए एसीबी की ओर से सरकार से प्रीलिमनरी इंक्वायरी (पीई) दर्ज कराने की अनुमति मांगी गयी थी. इसके बाद सरकार ने निर्णय लिया कि इंजीनियर सुरेश वर्मा के खिलाफ दर्ज केस में बीरेंद्र राम का नाम जोड़ कर आगे अनुसंधान किया जाये. इसके बाद एसीबी ने उक्त कार्रवाई शुरू की. कोर्ट के निर्देश पर एसीबी बाद में आगे की कार्रवाई करेगी.