जेल मोड़ स्थित पुराना अतिथि गृह (वार्ड संख्या-19) में बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के निर्मल महतो चौक स्थित सरकारी आवास की मुर्गियों में बर्ड फ्लू पाये जाने की पुष्टि हुई है. इसके बाद उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के निर्देश पर एक्शन प्लान के तहत सात रैपिड रिस्पांस टीमें गठित की गयी हैं. हर टीम में पशु चिकित्सा पदाधिकारी सहित चार सदस्य शामिल हैं.
वहीं, जेल मोड़ (संक्रमित क्षेत्र) की एक किलोमीटर की परिधि में मुर्गा, अंडा की खरीद-बिक्री और परिवहन पर रोक लगा दी गयी है. इधर, रैपिड रिस्पांस टीम को वार्ड संख्या-19 के शेष बचे मुर्गों को मारने और संक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया गया है. मारी जानेवाली मुर्गियों का मुआवजा भी पशुपालन विभाग देगा. मुर्गियों को मारने से पहले उसका सर्वे किया जायेगा. प्रति चूजा 70 और प्रति मुर्गी 90 रुपये की दर से मुआवजा दिया जायेगा.
विभाग नष्ट किये जानेवाले अंडों का मुआवजा भी देगा. संक्रमित क्षेत्र की एक किलोमीटर की परिधि में मुर्गा पालन का सर्वेक्षण करने और 10 किलोमीटर की परिधि में सर्विलांस जोन चिह्नित कर सघन निगरानी करने को कहा गया है. हालांकि, फिलहाल आमजनों को इस वायरस के संक्रमण का जोखिम कम है. मनुष्य संक्रमित पक्षियों के संपर्क में रहते हैं, तो संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है.
यह जानकारी भी हैं जरूरी
- मुर्गियों को भारतीय परिवेश में अच्छी तरह से पकाया जाता है, इसलिए इसका सेवन सुरक्षित है. बर्ड फ्लू का वायरस 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर 30 मिनट में नष्ट हो जाता है.
- अंडे को ग्राहकों तक पहुंचने में घंटों लग जाता है, इसलिए धूप और हवा से सूखने पर वायरस नष्ट हो जाता है, इसलिए इसका सेवन सुरक्षित है.
- संक्रमित बतखों में यह रोग दिखता नहीं है, लेकिन इसका प्रसार हो सकता है
इन क्षेत्रों में सर्वे का कार्य करेगी रैपिड रिस्पांस टीम
जेल मोड, नगड़ाटोली, वर्धमान कंपाउंड, लालपुर, प्लाजा चौक और लोहराकोच
जेल मोड़ से अपर बाजार करमटोली, लोअर करमटोली से करमटोली चौक तक
जेल मोड़ से कचहरी चौक, राजभवन, रातू रोड चौक, सीएम आवास और मोरहाबादी
जेल मोड़ से कचहरी रोड, चडरी, अलबर्ट एक्का चौक और जेल मोड की एक किलोमीटर की परिधि में
बर्ड फ्लू के िलए गाइडलाइन जारी
बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लूएंजा) को लेकर जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है. बताया गया है कि एवियन एंफ्लूएंजा अत्यंत संक्रामक विषाणु जनित रोग हैं. यह घरेलू और जंगली पक्षियों को संक्रमित करता है. इस वायरस के कई प्रकार है, जो पक्षियों संक्रमित कर देते हैं. सितंबर से फरवरी तक इस रोग का संक्रमण फैलता है.
इस रोग का प्रसार संक्रमित पक्षियों के बीट एवं उनके सांस के संपर्क में आने और दूषित दाना-पानी से फैलता है. बतख और हंस भी इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं. हालांकि, संक्रमित गौरेया, कौआ और कबूतर जैसे पक्षियों द्वारा इस रोग के वायरस का प्रसार मुर्गियों और मनुष्यों में नहीं होता है.
सरकार सतर्क : बादल
कृषि मंत्री बादल ने कहा कि बोकारो तथा रांची में बर्ड फ्लू का मामला आने के बाद सरकार सतर्क है. भारत सरकार के निर्धारित कार्य योजना के तहत रोग के नियंत्रण पर कार्रवाई की जा रही है. विभाग द्वारा बीमारी फैलने के स्थान से एक किलोमीटर के दायरे में सभी मुर्गियों का वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण किया जा रहा है.
जिन मुर्गी पालकों के मुर्गियों का निस्तारण किया गया है, उन्हें इसका मुआवजा देने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. बोकारो में अभी स्थिति पूर्णतः नियंत्रण में है. कोई नया मामला प्रकाश में नहीं आया है. इस बीमारी से वहां किसी भी व्यक्ति को अबतक संक्रमण नहीं हुआ है.
इधर बोले स्वास्थ्य मंत्री जब-जब बर्ड फ्लू आया है हम ज्यादा मुर्गा खाये हैं
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि बर्ड फ्लू के कुछ मामले आये हैं. पशुपालन मंत्री इस पर तुरंत संज्ञान लेंगे और यथोचित कार्रवाई करेंगे. उक्त बातें उन्होंने विधानसभा बजट सत्र में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही. मुर्गा खाने से लोग डर रहे हैं के सवाल पर कहा कि कोई डरने की बात नहीं है. जब-जब बर्ड फ्लू आया है, हम ज्यादा मुर्गा खाये हैं. मुर्गा को ज्यादा आग पर भून कर खाना है.