पंकज मिश्रा को 24 घंटे में क्लीन चिट देनेवाले डीएसपी प्रमोद मिश्रा से सोमवार को पूछताछ होगी. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की ओर से जारी किये गये समन के बचने की हर कानूनी कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए. इडी ने अवैध खनन की जांच के दौरा बरहरवा टोल विवाद का मुख्य कारण वैध-अवैध खनिजों की ढुलाई को माना था. खनन क्षेत्र से खनिजों को निकाल कर मुख्य मार्ग तक पहुंचाने के लिए बरहरवा पंचायत के टोल से होकर गुजरना पड़ता था.
इसके मद्देनजर बरहरवा टोल पर कब्जा करने के लिए विवाद हुआ था. इस मामले में थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में 24 घंटे के अंदर ही पंकज मिश्रा और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को क्लीन चिट दे दी थी.
जांच अधिकारी ने इडी को बताया था डीएसपी का नाम :
इडी ने पहले बरहरवा कांड के जांच अधिकारी सरफुद्दीन खान को समन किया था. उन्होंने इडी को दिये बयान में यह स्वीकार किया था कि डीएसपी प्रमोद मिश्रा ने प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर सुपरविजन नोट जारी कर पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को निर्दोष बताया था. इसके बाद इडी ने डीएसपी प्रमोद मिश्रा को समन जारी किया था, लेकिन उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इडी के अधिकार को चुनौती दी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए हाइकोर्ट में अपनी बात कहने का निर्देश दिया. इसके बाद प्रमोद मिश्रा और सरफुद्दीन ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की. पर हाइकोर्ट ने इडी की कार्रवाई पर रोक नहीं लगायी. इडी ने प्रमोद मिश्रा को समन जारी कर छह मार्च को हाजिर होने का निर्देश दिया था. प्रमोद मिश्रा ने समन को स्थिर करने के लिए फिर हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन, हाइकोर्ट ने उन्हें इडी के अधिकारी के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया. इस निर्देश के आलोक में प्रमोद मिश्रा सोमवार को इडी कार्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर होंगे.