बंधु तिर्की से पहले झारखंड के इन विधायकों की की जा चुकी है विधायकी, जानिए क्या है वजह

झारखंड के पूर्व मंत्री व विधायक बंधु तिर्की को कल 3 साल की सजा सुनाई गयी. जिसके बाद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 तहत अब उनकी विधायकी चली जाएगी. उससे पहले झारखंड के 4 विधायकों की विधायकी गयी थी.

By Prabhat Khabar | March 29, 2022 11:32 AM

रांची : लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 (2013 में हुए संशोधित) के तहत अब तक झारखंड के चार विधायकों की सदस्यता जा चुकी है. अधिनियम में प्रावधान है कि दो साल से अधिक की सजा होने के बाद जनप्रतिनिधि की विधानसभा या लोकसभा की सदस्यता चली जायेगी. इसी अधिनियम के तहत बंधु तिर्की की भी सदस्यता भी खत्म जायेगी. कोर्ट में सुनवाई के बाद सोमवार से उन्हें तीन साल की सजा मिली है.

राज्य में सबसे पहले इस अधिनियम के तहत आजसू विधायक कमलकिशोर भगत (अब स्वर्गीय) की सदस्यता चली गयी थी. 1993 में हुई हत्या के प्रयास के एक मामले में श्री भगत को जून 2015 में सात साल की सजा सुनाई गयी थी. वह लोहरदगा विस से विधायक चुने गये थे. जेल जाने के बाद उनकी पत्नी नीरू शांति वहां से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन वह हार गयी थीं.

इसी तरह झारखंड पार्टी के एनोस एक्का की सदस्यता भी इसी अधिनियम के तहत गयी थी. वह कोलेबिरा से विधायक थे. 2014 में उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली थी. इसके बाद एनोस की सदस्यता चली गयी थी. जेल जाने के बाद कोलेबिरा सीट से उनकी पत्नी मेमन एक्का चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गयी थीं.

अमित महतो की भी गयी थी सदस्यता

मारपीट के मामले में 2018 में सुनायी गयी थी दो साल की सजा

सिल्ली के विधायक रहे अमित महतो की सदस्यता भी इस अधिनियम के तहत गयी थी. 2006 के एक मामले में श्री महतो पर मारपीट का आरोप था. मामले में निचली अदालत ने सजा सुनायी थी. इस मामले में श्री महतो को 2018 में दो साल की सजा दी गयी थी. अमित महतो के विधायकी जाने के बाद वहीं से उनकी पत्नी सीमा महतो चुनाव लड़ी थीं.

चुनाव जीतने के बाद शेष कार्यकाल के लिए उनकी पत्नी विधायक बनी थीं. 2018 में ही झामुमो के गोमिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक योगेंद्र महतो को भी निचली अदालत से सजा मिली थी. श्री महतो की विधायकी चली गयी थी. उन पर 2010 में अवैध रूप से कोयला चोरी का आरोप था. रामगढ़ जिला न्यायालय ने मामले में तीन साल की सजा सुनायी थी. श्री महतो की सदस्यता जाने के बाद उनकी पत्नी सरिता महतो चुनाव लड़ी थीं. जीतने के बाद वह शेष कार्यकाल के लिए विधायक रही थीं.

Posted By: Sameer Oraon

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