Alert : ठंड में ब्रेन हेमरेज व ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा, ऐसे बचें इन बीमारियों से

brain hemorrhage patient/ brain hemorrhage symptoms : मेडिसिन और न्यूरोलॉजी ओपीडी में ब्रेन स्ट्रोक व ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या बढ़ी

By Prabhat Khabar | December 21, 2020 1:50 PM

रांची : राजधानी में ठंडी हवाओं का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है. मौसमी बीमारी की चपेट में आने के बाद लोग अस्पतालों में भर्ती होने लगे हैं. सबसे ज्यादा खतरा ब्लड प्रेशर (बीपी) और ब्रेन स्ट्रोक का हो गया है. अचानक बीपी का लेवल बढ़ने के कारण ब्रेन हेमरेज हो जा रहा है. मेडिसिन विभाग व न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की मानें, तो प्रतिदिन एक से दो मरीज ब्रेन हेमरेज व अाठ से 10 मरीज ब्रेन स्ट्रोक के आ रहे हैं.

डॉक्टरों का कहना है कि ठंड में सावधानी नहीं बरतने से सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. ठंड से दिमाग की रक्त धमनियों में रक्त का थक्का बन जाता है. मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होने से ब्रेन हेमरेज की संभावना बढ़ जाती है. ठंड के मौसम में स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना चाहिए.

केस स्टडी: एक

रांची के एक चिकित्सक की मां को ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद निजी अस्पताल में उनका इलाज किया गया. स्ट्रोक के कारण उनके दायें हाथ व दायें पैर में कमजोरी आ गयी थी. आवाज भी बंद हो गयी थी. निजी अस्पताल में भर्ती कर दवा के माध्यम से थ्रंम्बोलाइज किया गया. इलाज के बाद अावाज वापस आ गयी है. हाथ व पैर की कमजोरी में भी सुधार हुआ.

केस स्टडी: दो

रांची की रहनेवाली एक वृद्धा को ब्रेन हेमरेज होने के बाद रिम्स के सुपर स्पेशियालिटी आइसीयू में भर्ती कराया गया है. बीपी की दवा छोड़ने के कारण उनके सिर में दर्द शुरू हुआ. दर्द के बाद ब्रेन हेमरेज हो गया. बेहोशी की हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल इलाज के बाद उनकी स्थिति ठीक है.

बीपी व स्ट्रोक के लक्षण

– चक्कर आना

– शरीर के किसी अंग का सुन्न होना

– देखने में परेशानी होना

– बोलने या समझने में परेशानी होना

– चेहरे में विकृति आना

इन बातों का रखें ख्याल

ठंड के मौसम में सुबह में बाहर नहीं निकलें

पूरे शरीर को ढंकने वाला गर्म कपड़ा पहनें

ठंडे पानी के बजाय गुनगुने पानी का सेवन करें

बीपी की दवा डॉक्टर की सलाह से छोड़ें

बीपी के मरीज हैं, तो नियमित इसकी जांच करायें

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

ठंड के मौसम में सुबह के समय काटीसोल हार्मोन बढ़ जाता है. इस कारण अचानक से बीपी का लेवल बढ़ने लगता है. बीपी की दवा नहीं लेने पर ब्रेन हेमरेज हो जाता है. ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी इस मौसम में बढ़ जाता है. ऐसा अनुवांशिक बीमारी में भी होता है. असंतुलित खान-पान में सुधार लायें व नमक का इस्तेमाल कम करें. नियमित व्यायाम करें. हरी सब्जी व फल का इस्तेमाल करें.

डॉ सुरेंद्र कुमार, विभागाध्यक्ष, न्यूरो फिजिसियन, रिम्स

posted by : sameer oraon

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