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गुमला: कोटियापाट व सनइटांगर में माओवादी के साथ मुठभेड़ हुई थी, नक्सली भागे, पुलिस ने ग्रामीणों को पीटा
गुमला: घाघरा व बिशुनपुर थाना क्षेत्र के सीमावर्ती गांव कोटियापाट के लोग दहशत में हैं. दो दिन पहले गांव के जंगल में पुलिस व माओवादी के बीच मुठभेड़ हुई थी. नक्सली भाग निकले थे. नक्सलियों के भागने के बाद एंटी नक्सल ऑपरेशन में शामिल पुलिस के जवानों ने गांव के लोगों की जम कर पिटाई […]
गुमला: घाघरा व बिशुनपुर थाना क्षेत्र के सीमावर्ती गांव कोटियापाट के लोग दहशत में हैं. दो दिन पहले गांव के जंगल में पुलिस व माओवादी के बीच मुठभेड़ हुई थी. नक्सली भाग निकले थे. नक्सलियों के भागने के बाद एंटी नक्सल ऑपरेशन में शामिल पुलिस के जवानों ने गांव के लोगों की जम कर पिटाई की है. दर्जन भर लोगों को लाठी से पीटा है. जंगल में गांव होने के कारण घायल ग्रामीण इलाज के लिए अस्पताल नहीं पहुंच सके. सभी गांव में ही इलाज करा रहे हैं. नक्सलियों की मदद करने के आरोप में पुलिस ने ग्रामीणों को पीटा है. इस घटना से कोटियापाट के लोग दहशत में हैं.
गोली बिखेर कर भाग गये नक्सली : जब नक्सलियों के समीप पुलिस पहुंचने लगी, तो नक्सली जंगल में भारी मात्रा में गोली बिखेर दिये. इसके बाद आइडी बम विस्फोट कर दिया. इसका फायदा नक्सलियों को मिला और वे मुठभेड़ स्थल से निकल गये. बताया जा
रहा है कि अगर पुलिस थोड़ी और आगे बढ़ती, तो आमने-सामने की लड़ाई होती.
कोटियापाट में बैठक होने वाली थी : जंगल से बरामद सोनू ने पुलिस को बताया कि कोटियापाट जंगल में नक्सलियों के विभिन्न दस्तों की बैठक होने वाली थी. सबसे पहले रंथु उरांव व विष्णु का दस्ता वहां पहुंचा था. बुद्धेश्वर उरांव व अन्य बड़े नेताओं की टीम कोटियापाट पहुंचने वाली थी, लेकिन उससे पहले पुलिस पहुंच गयी और रंथु उरांव के दस्ते के साथ मुठभेड़ हो गयी.
नक्सली बाल दस्ता का सदस्य बरामद
गुमला. गुमला पुलिस ने घाघरा के कोटियापाट जंगल से नक्सली बाल दस्ता के सदस्य 12 वर्षीय सोनू कुमार (बदला नाम) को बरामद किया है. गुमला पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टिकाेण से उसे सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया है. एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान कोटियापाट जंगल में पुलिस व भाकपा माओवादी के बीच मुठभेड़ हुई थी. तीन दिन से चल रहा ऑपरेशन गुरुवार को समाप्त हुआ. इस दौरान पुलिस ने कोटियापाट से सोनू को बरामद किया.
रंथु के दस्ते से मुठभेड़ हुई थी
दो दिन पहले कोटियापाट जंगल में माओवादी के जोनल कमांडर रंथु उरांव के दस्ते के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी. उस समय आइडी बम विस्फोट कर रंथु अपने दस्ते के साथ निकल गया था, लेकिन सोनू डर से छिप गया, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया.
जान बचाने के लिए छिप गया : सोनू
सोनू ने बताया कि वह जंगल में लकड़ी चुनने गया था, तभी रंथु के दस्ते से भेंट हो गयी. जंगल में अकेला देख उसे माओवादियों ने रख लिया. बंदूक चलाने की ट्रेनिंग लेने के लिए कह रहे थे. सोनू ने कहा कि जब गोलीबारी होने लगी, तो वह छिप गया. माओवादी बम विस्फोट कर भागे, तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया और गुमला ले आयी.
माओवादी ने साटे पोस्टर, 29 को झारखंड बंद
रायडीह(गुमला). भाकपा माओवादियों ने रायडीह इलाके में पोस्टर साट कर 29 मई को झारखंड बंद बुलाया है. सरकार द्वारा परिभाषित स्थानीय नीति व सीएनटी-एसपीटी एक्ट में हुए संशोधन के खिलाफ माओवादियों ने झारखंड बंद की घोषणा की है. माओवादियों ने कंप्यूटराइज पोस्टर ब्लॉक के सामने मुख्य सड़क के किनारे शेड पर साटा है. जहां पोस्टर साटा गया है, वह थाना से तीन किमी दूर है. मुख्य सड़क के किनारे पोस्टर साटे जाने से लोग दहशत में हैं. ऐसे पुलिस ने पोस्टर बरामद कर लिया है. बाहरी कंपनियों के साथ एमओयू के खिलाफ माओवादियों ने 23 से 27 मई तक विरोध दिवस मनाया. वहीं 29 मई को झारखंड बंद बुलाया है.
रंथु समेत छह नक्सलियों के खिलाफ केस
गुमला. घाघरा प्रखंड के कोटियापाट गांव में हुई मुठभेड़ के मामले में पुलिस ने भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर रंथु उरांव, विष्णु व चार अन्य नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. यह जानकारी एसडीपीओ भूपेंद्र प्रसाद राउत ने प्रेस कांफ्रेंस में दी. उन्होंने तीन दिन तक चले एंटी नक्सल ऑपरेशन व माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ की जानकारी दी. एसडीपीओ ने बताया कि 23 मई की सुबह करीब आठ बजे कोटियापाट गांव स्थित महरू असुर के घर से सटे जंगल से अचानक नक्सलियों ने पुलिस पर हमला कर दिया. गोलियां चलायी व आइडी बम विस्फोट करने लगे. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की. नक्सलियों की ओर से 92 चक्र व पुलिस बल की ओर से 69 चक्र गोली चलायी गयी. पुलिस ने यूबीजीएल से भी फायर किया. पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली भाग गये. इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल की तलाशी ली. तलाशी के क्रम में 12 वर्ष का एक लड़का मिला, जिससे नक्सली सामान ढुलवाते थे. तलाशी में 81 गोली, चार्जर छह पीस, प्रेशर स्वीच चार पीस, इलेक्ट्रीक डेटोनेटर 22 पीस, नन इलेक्ट्रीक डेटोनेटर एक पीस, सेप्टी फ्यूज तीन मीटर, वरदी छह पीस, पिठू छह पीस, बेल्ट चार पीस, नक्सली साहित्य, प्रशिक्षण पुस्तिका, नक्सल पंपलेट व दैनिक उपयोग की सामग्री मिली है. नक्सलियों से बरामद विस्फोटक को जंगल में ही निष्क्रिय किया गया. वहीं जंगल से मिले बच्चे को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया है.
ग्रामीणों की पिटाई नहीं की है : पुलिस द्वारा ग्रामीणों की पिटाई के मामले में एसडीपीओ ने कहा कि कोटियापाट के ग्रामीणों को पुलिस ने नहीं पीटा है.
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