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हर पंचायत में खुलेगी लाइब्रेरी : रघुवर
घोषणा. प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक अनुज सिन्हा की तीन पुस्तकों का लोकार्पण रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि लोगों के बौद्धिक विकास के लिए सरकार हर पंचायत में लाइब्रेरी खोल रही है. इसके लिए 2017-18 के बजट में विशेष प्रावधान किया गया है. लाइब्रेरी दो साल में खुलेगी. इससे बच्चे व बड़े […]
घोषणा. प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक अनुज सिन्हा की तीन पुस्तकों का लोकार्पण
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि लोगों के बौद्धिक विकास के लिए सरकार हर पंचायत में लाइब्रेरी खोल रही है. इसके लिए 2017-18 के बजट में विशेष प्रावधान किया गया है. लाइब्रेरी दो साल में खुलेगी.
इससे बच्चे व बड़े दोनों लाभान्वित होंगे. राज्य में पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है. सरकारी कार्यालय, बंजर जमीन व नहरों पर सोलर पैनल लगाये जायेंगे. श्री दास रविवार को आर्यभट्ट सभागार में प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक अनुज कुमार सिन्हा द्वारा लिखित तीन पुस्तक अनसंग हीरोज ऑफ झारखंड मूवमेंट, झारखंड : राजनीति और हालात व बरगद बाबा का दर्द के लोकार्पण के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे. प्रभात प्रकाशन ने तीनों पुस्तकों का प्रकाशन किया है.
राजनीतिक अस्थिरता के कारण नहीं हो पाया विकास : सीएम श्री दास ने कहा कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के कारण विकास नहीं हो पाया है. 14 साल बाद लोगों ने राज्य में स्थिर सरकार दी है.
अब राज्य में भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं रह गयी है. हम टीम झारखंड के रूप में विकास के लिए काम कर रहे हैं. मीडिया भी सकारात्मक भूमिका निभाये. लोकतंत्र में आलोचना का विशेष स्थान है. मेरे लिए आलोचना प्रेरणा का काम करती है, लेकिन आलोचना सकारात्मक होनी चाहिए. समाज में जो अच्छे काम हो रहे हैं, उनको बताने से लोगों को प्रेरणा मिलती है. सभी अपनी जिम्मेवारी का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करें, तो हमारा राज्य आनेवाले आठ-10 वर्षों में समृद्ध राज्य की श्रेणी में खड़ा हो सकता है.
इन पुस्तकों का हुआ लोकार्पण : अनसंग हीरोज ऑफ झारखंड मूवमेंट, झारखंड : राजनीति, हालात व बरगद बाबा का दर्द
3000 आंदोलनकारियों को सरकार ने िकया सम्मानित
सीएम ने कहा कि झारखंड बनाने के लिए अपना जीवन खपा देनेवाले लोगों की किसी ने सुध नहीं ली. हमारी सरकार ने आंदोलनकारियों की सुध ली. 3600 आवेदन आये. इनमें 3000 से ज्यादा आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जा चुका है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. जिन्होंने ने भी आंदोलन में भाग लिया, सभी को सम्मान मिलना चाहिए. सरकार कोई अहसान नहीं कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास सभी समस्याओं का समाधान है.
हमारा आदिवासी समाज पलायन करने को मजबूर है. उनकी चिंता कौन करेगा. उन्हें चंद रुपयों के खातिर बेच दिया जाता है. बच्चियां नरक का जीवन जीने को मजबूर हैं. सरकार पलायन करनेवाले बच्चों को झारखंड में वापस लायेगी. 18 मई को कई कंपनियों का भूमि पूजन होगा. इससे 21 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. गुड़गांव की एक टेक्सटाइल फैक्टरी में राज्य की 6000 बच्चियां काम कर रही हैं, उन्हें वापस लायेंगे और उन्हें उनके घर में ही नौकरी देंगे.
पुस्तक मां के नाम समर्पित मुख्मंत्री ने सौंपी प्रतियां
अनुज सिन्हा ने तीनों पुस्तकों को अपनी मां के नाम समर्पित किया. मदर्स डे पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तीन पुस्तक की एक-एक प्रति उनकी मां को भेंट की. मदर्स डे पर श्री दास ने झारखंड आंदोलनकारियों, देश के शहीद वीर सैनिकों व पुलिसकर्मियों की माताओं को नमन किया. इससे पहले श्री सिन्हा ने तीनों पुस्तकों के बारे में जानकारी दी. मौके पर प्रभात खबर के एमडी केके गोयनका, कार्यकारी निदेशक आरके दत्ता भी मौजूद थे.
राज्य में दो करोड़ पौधे लगायेगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल, जंगल, जमीन और जलवायु किसी के लिए नारा हो सकता है. किसी के लिए वोट पाने का तरीका हो सकता है, लेकिन हमारे लिए यह झारखंड की अमानत है. इसे संरक्षित रखना हमारा काम है, ताकि आनेवाली पीढ़ी को हम हरा भरा झारखंड दे सकें.
दुनिया से प्रतिस्पर्द्धा करने के लिए विकास जरूरी है. हम राज्य में पर्यावरण के अनुकूल विकास कर रहे हैं. पूरे राज्य में दो करोड़ पौधे लगाये जायेंगे़ इस वर्ष पांच जुलाई से पौधरोपण अभियान चलाया जायेगा. उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए आज पूरी दुनिया चिंतित है. जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनियाभर के देश मंथन कर रहे हैं. श्री सिन्हा द्वारा लिखित किताब ‘बरगद बाबा का दर्द’ इसी वेदना को इंगित करती है. पेड़ हमारे लिए केवल पर्यावरण का विषय नहीं है. हमारे जीवन में इनका आध्यात्मिक महत्व भी है. पेड़ आमदनी का जरिया भी है.
अतीत ही देता है भविष्य गढ़ने की ताकत : हरिवंश
वरिष्ठ पत्रकार एवं राज्यसभा सदस्य हरिवंश ने कहा कि झारखंड के बारे में लिखने का काम कम हुआ है. इतिहास जरूरी है. अतीत से हम सीखते हैं. अतीत ही भविष्य गढ़ने की ताकत देता है. विमोचन की जा रही तीनों पुस्तकों का झारखंड के इतिहास, वर्तमान और भविष्य सबके साथ सरोकार है. झारखंड बनाने में बड़ी संख्या में अनसंग हीरो का योगदान रहा. अनसंग हीरोज आॅफ झारखंड आंदोलन पुस्तक में अतीत की झलक है. झारखंड : राजनीति और हालात वर्तमान के बारे में बताता है. वहीं, बरगद बाबा के दर्द में बेहतर भविष्य का माहौल बनाने का प्रयास है. अपने संबोधन में श्री हरिवंश ने वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था पर सवाल उठाये. कहा कि सांसद और विधायक अपने फंड की चिंता में राजनीति के मूल सवाल भूल गये हैं. जनप्रतिनिधियों का काम फंड का बंटवारा करना है.
यह काम प्रशासन को करना चाहिए. जनप्रतिनिधियों काे व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए संसद और विधानसभा में सवाल उठाने की चिंता करनी चाहिए. उन्होंने किताबों के लिए रुचि जगाने के लिए अभियान चलाने की जरूरत बतायी. राज्य सरकार से सभी गांवों में पुस्तकालय के माध्यम से लोगों को जागरूक व विचारशील बनाने का प्रयास करने का आग्रह किया.
झारखंड का इतिहास है किताबों में : आशुतोष
वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष चतुर्वेदी ने पुस्तकों के बारे में कहा कि झारखंड का इतिहास सिलसिलेवार नहीं लिखा गया था. अनसंग हीरोज आॅफ झारखंड आंदोलन और झारखंड : राजनीति और हालात पुस्तकों में राज्य के इतिहास काे समेटने का पूरी ईमानदारी से प्रयास किया गया है, जबकि बरगद बाबा में राज्य के इतिहास के साथ पर्यावरण की चिंता भी सामने लायी गयी है. बाहर से झारखंड के बारे में जानने को इच्छुक लोगों के लिए ये पुस्तकें बहुत उपयोगी साबित होंगी.
प्रभात प्रकाशन ने विशिष्ट पहचान बनायी : पीयूष
प्रभात प्रकाशन के डॉ पीयूष कुमार ने स्वागत भाषण में कहा कि प्रभात
प्रकाशन ने 5000 पुस्तकें प्रकाशित कर अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है. उचित मूल्य पर सबके लिए अच्छी पुस्तकें उपलब्ध कराना संस्थान का नीतिगत सिद्धांत रहा है. उत्कृष्ट गुणवत्ता नीति को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मानक संस्थान मूडी द्वारा विश्व की पहली बार किसी हिंदी प्रकाशन संस्थान को आइएसओ प्रकाशक से प्रमाणित किया है. संस्थान ने पिछले 58 वर्षों से साहित्य की प्राय: सभी विधाओं में श्रेष्ठ पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी है.
ये भी थे मौजूद : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, जल संसाधन मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी, मेयर आशा लकड़ा, पद्मश्री बलवीर दत्त, विधायक डॉ जीतू चरण राम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, मनीष जायसवाल, शिवशंकर उरांव, कुलपति रमेश कुमार पांडेय, खादी बोर्ड के चेयरमैन संजय सेठ, जैक चेयरमैन अरविंद सिंह, न्यायमूर्ति विक्रमादित्य प्रसाद, जल संसाधन सचिव सुखदेव सिंह, कार्मिक सचिव निधि खरे, भू राजस्व सचिव केके सोन, आइपीएस आरके मल्लिक, सूचना जनसंपर्क विभाग के निदेशक राजीव लोचन बख्शी, रजिस्ट्रार अमर कुमार चौधरी, परीक्षा नियंत्रक एके झा, महुआ माजी, प्राचार्या मंजू सिन्हा, संजय बसु मल्लिक, डॉ कमल बोस, महादेव टोप्पो, पंपा सेन विश्वास, डॉ मिथलेश, शैलेंद्र महतो, प्रभाकर तिर्की, सूर्य सिंह बेसरा, केडी सिंह, कृष्णा नंद मिश्र, श्रवण कुमार, राजीव रंजन मिश्रा, आलोक दुबे, प्रो विनोद सिंह, राजेश ठाकुर, लाल किशोर नाथ शाहदेव, सुनील सिंह, प्रवीण प्रभाकर, सुबोध सिंह गुड्डू, गामा सिंह, संजय जायसवाल, प्रेम मित्तल, रमाकांत महतो, देवेंद्र स्वामी, चितरंजन कुमार, केके गुप्ता, मुकेश सिंह, राजेंद्र प्रसाद, प्रणव कुमार बब्बू, बरखा रानी, डॉ सिद्धार्थ सिन्हा, दीपक कुमार, डॉ केएस सेंगर, गंगा प्रसाद यादव व अन्य.
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