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जोड़ा तालाब: थोड़ी भी बुद्धि लगाते, तो बचा सकते थे कम से कम एक तालाब का पानी

सरकारी योजनाअों की बदहाली देखनी हो, तो बरियातू के जोड़ा तालाब चले आइये. यहां के दो तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम सालभर से चल रहा है, लेकिन हालत ‘नौ दिन चले ढाई काेस’ वाली है. ऐसा इसलिए कि सौंदर्यीकरण का काम करानेवाली एजेंसी बिना किसी प्लानिंग के काम कर रही है, जिसकी वजह से इससे […]

सरकारी योजनाअों की बदहाली देखनी हो, तो बरियातू के जोड़ा तालाब चले आइये. यहां के दो तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम सालभर से चल रहा है, लेकिन हालत ‘नौ दिन चले ढाई काेस’ वाली है. ऐसा इसलिए कि सौंदर्यीकरण का काम करानेवाली एजेंसी बिना किसी प्लानिंग के काम कर रही है, जिसकी वजह से इससे गरमी के इस मौसम में इलाके के दोनों महत्वपूर्ण तालाब सूख चुके हैं. रांची नगर निगम अगर इस ओर ध्यान देता, तो शायद इन तालाबों का पानी बरबाद होने से बच जाता.
रांची : बरियातू में जोड़ा तालाब के नाम से दो तालाब हैं. सौंदर्यीकरण की योजना के तहत पहले एक तालाब को सूखाया गया, जिसके बाद उसकी खुदाई का काम चल रहा है. सौंदर्यीकरण का काम शुरू तक नहीं हुआ है. इसी बीच दूसरे तालाब का पानी भी मोटर लगा कर नाले में बहाया जा रहा है. एक ओर शहर के तालाबों का जलस्तर कम हो गया है, वहीं पानी संरक्षित करने के बजाय बरबाद किया जा रहा है. ऐसे में स्थानीय लोग और यहां से गुजरनेवाले तालाब के सौंदर्यीकरण पर सवाल उठने लगे हैं.

इधर, दो माह बाद बारिश शुरू हो जायेगी. ऐसे में दाेनों तालाबों में पानी भर जायेगा. ऐसा होने पर काम आधे में ही रोक देना पड़ेगा और सौंदर्यीकरण के लिए बरसात बीतने का इंतजार करना होगा. बरसात गुजर जाने के बाद फिर से पानी बहा कर काम शुरू करना होगा. इस परी प्रक्रिया में कम से कम चार माह लगेंगे. पैसे बरबाद होंगे सो अलग.

लोगों को हो रही है परेशानी : तालाब के आसपास रहनेवाले लोगों का कहना है कि दोनों तालाबों को सुखाने से उन्हें दिक्कत हो रही है. वे इन्हीं दोनों तालाबों पर नहाने-धोने के लिए निर्भर थे. मवेशियों के पानी पीने के लिए भी यह बड़ा सहारा है, पर अभी तालाब केवल गड्ढा मात्र रह गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह काम बिना प्लानिंग के काम हो रहा है. ठेकेदार को पहले एक तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा कर लेना चाहिए था, उसके बाद दूसरे तालाब में हाथ लगाना चाहिए था. पानी की बरबादी को रोकने के लिए सौंदर्यीकरण के बाद पानी को एक तालाब से दूसरे तालाब में शिफ्ट कर देना चाहिए था.
क्या है योजना
जोड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण की योजना दो करोड़ की है. इसके तहत तालाबों को गहरा करना है, पाथ वे बनाना है और तालाब के चारों ओर फूल-पौधे लगाने हैं. इसके अलावा छठ घाट के लिए सीढ़ी बनाने का कार्य भी एजेंसी को करना है. लेकिन गति धीमा होने के कारण निधार्रित समय से काम पूरा होता नहीं दिख रहा है.
काम की रफ्तार बहुत धीमी है. तालाब में पानी रहने से यहां लोग स्नान करने आते थे. तालाब कई माह से सूखा हुआ है. लगता है बरसात से पहले काम नहीं हो पायेगा.
कुमारी कर्मकार
बरसात आनेवाली है और काम शुरू भी नहीं हुआ है. एक ही तालाब को गहरा किया गया है. वह भी बरसात में भर जायेगा, तो काम कैसे होगा? लगता है इस साल लग जायेगा.
मो. तनवीर
स्थानीय लोग अपनी जरूरतों के लिए तालाब के पानी का उपयोग करते थे, लेकिन अब वह बंद हो गया था. सौंदर्यीकरण से लोगों को फायदा होगा, लेकिन काम की रफ्तार बहुत धीमी है.
जहांगीर आलम
तालाब में मछली पालन का कार्य मसजिद कमेटी कराती है, जो काफी दिनों से बंद है. काम की रफ्तार बहुत धीमी है. सौंदर्यीकरण अगर जल्द होगा तो लोगों को काफी सहूलियत होगी.
मो. जब्बार

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