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रांची : अब न कचरा वाहन दिखते हैं, न सफाई कर्मी
रांची : स्वच्छ शहरों की प्रतियोगिता में इस बार रांची नगर निगम को 117वां स्थान मिला, जबकि झारखंड के ही चास सहित गिरिडीह, हजारीबाग व अन्य शहरों की रैंकिंग इस प्रतियोगिता में बेहतर रही. रांची नगर निगम को इस प्रतियोगिता में पीछे ढकेलने में शहर की साफ सफाई करने वाली कंपनी रांची एमएस डब्ल्यू का […]
रांची : स्वच्छ शहरों की प्रतियोगिता में इस बार रांची नगर निगम को 117वां स्थान मिला, जबकि झारखंड के ही चास सहित गिरिडीह, हजारीबाग व अन्य शहरों की रैंकिंग इस प्रतियोगिता में बेहतर रही. रांची नगर निगम को इस प्रतियोगिता में पीछे ढकेलने में शहर की साफ सफाई करने वाली कंपनी रांची एमएस डब्ल्यू का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा. कंपनी ने दो अक्तूबर को तो बड़े ही तामझाम के साथ शहर में सफाई व्यवस्था का हैंडओवर लिया.
बाद में सब धीरे-धीरे टांय-टांय फिस्स हो गया. शुरुआती दिनों में कंपनी के वाहन प्रतिदिन गली-मोहल्ले में हूटर बजाते हुए घूमते थे. अब तो इन वाहनों के दर्शन तक दुर्लभ हो गये. कंपनी ने जनवरी 2017 से शहर के 55 वार्डों में सफाई व्यवस्था बहाल करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक कंपनी का कामकाज केवल 20 वार्डों तक ही पहुंचा है. रही-सही कसर यहां के लोगों ने पूरी कर दी. लोगों को भी यह लगने लगा कि शहर को स्वच्छ रखने का एकमात्र काम केवल रांची नगर निगम का है.
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