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आवारा कुत्तों के प्रजनन पर लगेगी रोक

2020 तक शहरों को रेबिज मुक्त करने के लिए चलेगा अभियान आवारा कुत्तों की होगी गणना नसबंदी व टीकाकरण के बाद छोड़ा जायेगा सुनील चौधरी रांची : आवारा कुत्तों की नस्ल आगे न बढ़े, इसके लिए सरकार अब उनके प्रजनन पर रोक लगाने जा रही है. 2020 तक शहरों को रेबिज मुक्त करने के लिए […]

2020 तक शहरों को रेबिज मुक्त करने के लिए चलेगा अभियान
आवारा कुत्तों की होगी गणना नसबंदी व टीकाकरण के बाद छोड़ा जायेगा
सुनील चौधरी
रांची : आवारा कुत्तों की नस्ल आगे न बढ़े, इसके लिए सरकार अब उनके प्रजनन पर रोक लगाने जा रही है. 2020 तक शहरों को रेबिज मुक्त करने के लिए वृहद स्तर पर शहरों में आवारा कुत्तों की नसबंदी की जायेगी.
इसके लिए सरकार नगर निगम व नगर निकायों में स्ट्रे डॉग बर्थ कंट्रोल सोसाइटी गठित करेगी, जो कुत्तों के प्रजनन दर को नियंत्रित करेगी. नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रथम चरण में राज्य के 13 नगर निकायों को स्ट्रे डॉग बर्थ कंट्रोल सोसाइटी गठित करने का निर्देश दिया गया है. इससे संबंधित संकल्प जारी कर नगर निकायों को भेज दिया गया है. प्रथम चरण में रांची नगर निगम, धनबाद नगर निगम, आदित्यपुर नगर निगम, हजारीबाग नगर निगम, मानगो अधिसूचित क्षेत्र, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र, गिरिडीह नगर परिषद, रामगढ़ नगर परिषद, साहेबगंज नगर परिषद, मेदिनीनगर नगर परिषद एवं जुगसलाई नगर पालिका स्ट्रे डॉग बर्थ कंट्रोल सोसाइटी का गठन किया जायेगा.
क्या होगा सोसाइटी का काम
स्ट्रे डॉग बर्थ कंट्रोल सोसाइटी आवारा कुत्तों की गणना करेगी. कुत्तों को रखने के लिए परिसर का निर्माण किया जायेगा. आवारा कुत्तों को पकड़ कर कैंप में लाया जायेगा. उसे डिवर्म किया जायेगा. बंध्याकरण के लिए सर्जरी की जायेगी. सर्जरी के बाद उनकी देखभाल भी की जायेगी. इसका एक एमअाइएस डाटा भी तैयार होगा. कुत्तों को टीकाकरण के बाद उसी क्षेत्र में वापस छोड़ दिया जायेगा. निकाय स्तर पर गठित होनेवाली समिति का निबंधन भी किया जायेगा. निकाय स्तर पर गठित होने वाली समिति एक अलग इकाई होगी. इस योजना के कार्यान्वयन के लिए एक्सपर्ट प्रोजेक्ट इंपलीमेंटेशन आर्गनाइजेशन का चयन नगरीय प्रशासन निदेशालय द्वारा किया जायेगा.
जेनरल बॉडी के अध्यक्ष मेयर होंगे
स्ट्रे डॉग बर्थ कंट्रोल सोसाइटी के लिए एक जेनरल बॉडी का गठन किया जायेगा. इसके अध्यक्ष स्थानीय निकाय के मेयर या चेयरमैन होंगे. उपाध्यक्ष सीइओ, नगर आयुक्त होंगे. कमेटी में अपर नगर आयुक्त, अधीक्षण अभियंता, सहायक अभियंता सदस्य होंगे. स्वास्थ्य पदाधिकारी कोषाध्यक्ष होंगे.
इनके अलावा स्टेट एनिमल वेलफेयर बोर्ड के प्रतिनिधि, नगरीय प्रशासन निदेशालय के उपनिदेशक,डीएफओ सदस्य होंगे. वहीं वेटनरी सर्जन या सिटी मैनेजर या पशुपालन विभाग के एक पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे. वहीं एनिमल वेलफेयर के क्षेत्र में काम करनेवाले तीन लोगों को मनोनीत सदस्य बनाया जायेगा.

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