रांची: कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमओएआइ) के अधिकारियों की तीन दिनी हड़ताल गुरुवार से शुरू होगी. कोल इंडिया के सभी कंपनियों के अधिकारी इसमें हिस्सा लेंगे. अधिकारी परफॉरमेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) और न्यू पेंशन स्कीम को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. 11 मार्च को कोल इंडिया प्रबंधन से वार्ता विफल हो गयी थी. इसके बाद अधिकारियों ने आंदोलन को पूरी तरह सफल बनाने का निर्णय लिया है.
बुधवार को सीसीएल में एसोसिएशन के बैनर तले सामान्य परिषद की बैठक हुई. इसमें तय किया गया कि एक भी अधिकारी काम पर नहीं आयेंगे. काम पर आनेवाले अधिकारियों को रोका जायेगा. सभी एरिया को अधिकारी एसोसिएशन के सदस्यों ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बनाने का निर्देश दिया है. इसमें एके त्रिपाठी, एनके रथ, डीएन सिंह, डी कर्मकार, सीएस आजाद, एडी बाधवा आदि मौजूद थे.
20 हजार अफसर शामिल होंगे
एसोसिएशन ने दावा किया कि पूरे कोल इंडिया में 20 हजार अधिकारी हड़ताल पर रहेंगे. सीसीएल में 2800 अधिकारियों के आंदोलन में शामिल होने की उम्मीद है. सीसीएल के अतिरिक्त सीएमपीडीआइ के अधिकारी भी आंदोलन में शामिल रहेंगे.
अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है : सीएमडी
सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने अपील जारी कर कहा है कि अधिकारियों का आंदोलन कंपनी हित में नहीं है. 2013-14 में कंपनी को 53.5 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करना है. कंपनी इसके लिए प्रयासरत है. लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनुशासन जरूरी है. अधिकारियों के आंदोलन से देश की ऊर्जा जरूरत पूरा करने में कठिनाई होगी. अधिकारियों को 13 से 15 मार्च को आहूत हड़ताल में हिस्सा नहीं लेना चाहिए. हड़ताल गैर कानूनी है. इसमें हिस्सा लेनेवालों का वेतन रोका जा सकता है. दंडात्मक कार्रवाई भी हो सकती है.