गतिरोध के आसार, झामुमो एक घंटे पहले खोलेगा पत्ता

कल विधानसभा का विशेष सत्र रांची : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी ) पर विधानसभा का विशेष सत्र 27 अप्रैल को आहूत किया गया है. सत्र की तैयारियां पूरी कर ली गयी है. सरकार ने विधेयक का प्रारूप सरकार को भेज दिया है. विधायकों के बीच विधेयक का प्रारूप अध्ययन के लिए भेज दिया गया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2017 6:13 AM
कल विधानसभा का विशेष सत्र
रांची : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी ) पर विधानसभा का विशेष सत्र 27 अप्रैल को आहूत किया गया है. सत्र की तैयारियां पूरी कर ली गयी है. सरकार ने विधेयक का प्रारूप सरकार को भेज दिया है. विधायकों के बीच विधेयक का प्रारूप अध्ययन के लिए भेज दिया गया है. इधर एक दिन के सत्र को लेकर पक्ष-विपक्ष में चर्चा का माहौल नहीं बन रहा है. झामुमो अड़ा है कि सदन में मुख्यमंत्री को तब तक वक्तव्य रखने नहीं दिया जायेगा, जब तक वह शिबू सोरेन को लेकर की गयी टिप्पणी पर खेद व्यक्त नहीं करते हैं.
झामुमो ने 27 की सुबह 10 बजे विधायक दल की बैठक बुलायी है. सत्र से एक घंटे पहले झामुमो सदन अपने भूमिका काे लेकर स्टैंड साफ करेगा. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने साफ किया है कि सबकुछ विधायक दल की बैठक में ही तय होगा. विधायकों से विचार-विमर्श के बाद ही आगे की रणनीति बनायी जायेगी. वहीं, विपक्ष के अंदर इस मुद्दे पर एकजुटता नहीं है. कांग्रेस जीएसटी पर चर्चा में हिस्सा लेगी. कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह जीएसटी में चर्चा के दौरान किसी तरह का गतिरोध नहीं चाहती है. सरकार के स्तर पर भी पक्ष-विपक्ष के बीच संवाद का माहौल बनाने की कोशिश हो रही है. संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय सदन के अंदर जीएसटी के मुद्दे पर सहमति कायम करने के कवायद में जुटें हैं. श्री राय ने सोमवार की देर शाम प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे थे. विपक्ष का सहयोग मांगा था. श्री राय ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सुखदेव भगत से भी फोन पर बात की है. वह बुधवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में लोहरदगा जायेंगे, इस दौरान कांग्रेस नेता सुखदेव भगत से मुलाकात करेंगे.
जीएसटी पर पार्टी सदन में चर्चा में हिस्सा लेगी. हम इसपर सुझाव के साथ सदन में आयेंगे. टैक्स कानून में बड़ा बदलाव हो रहा है, कहीं कोई चूक न रहे इसके लिए सार्थक बहस होनी चाहिए. सरकार में उच्च पद पर बैठे लोगों को अपने शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए. शिबू सोरेन आदरणीय है, उनके बारे में कोई छोटी बात नहीं करनी चाहिए.
सुखदेव भगत, कांग्रेस विधायक
झामुमो अपने स्टैंड पर कायम है. मुख्यमंत्री तभी वक्तव्य देंगे, जब वह शिबू सोरेन को लेकर कहे गये बातों पर खेद व्यक्त करें. बाद में भाजपा ने भी कहा है कि शिबू सोरेन प्रासंगिक नहीं रहे. भाजपा के लिए आडवाणी जी, अटल जी, जोशी जी, यशवंत सिन्हा प्रासंगिक नहीं हो सकते हैं. शिबू सोरेन दिशोम गुरु हैं, वह झामुमो ही नहीं राज्य के लिए प्रासंगिक हैं और रहेंगे.
विनोद पांडेय, झामुमो प्रवक्ता

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