रांची: राज्य के 55 स्थायी संबद्ध डिग्री कॉलेजों में लगभग तीन माह से पठन-पाठन ठप है. इन कॉलेजों में 16 दिसंबर से ताला बंद है. इससे राज्य के लगभग डेढ़ लाख विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. संबद्ध डिग्री महाविद्यालय महासंघ के बैनर तले डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों ने एक फरवरी से पांच मार्च तक राजभवन के समक्ष अनशन किया. अब वे अपने-अपने कॉलेज मुख्यालयों के समक्ष धरना दे रहे हैं.
हड़ताली शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से दो बार वार्ता की है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है. मुख्यमंत्री ने इन कॉलेजों का अनुदान दोगुना करने का आश्वासन दिया, लेकिन महासंघ तैयार नहीं हुआ. दूसरे चरण की वार्ता में मुख्यमंत्री ने चुनाव के बाद मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. इस पर शिक्षकों ने आश्वासन के अनुरूप कार्रवाई होने के बाद ही हड़ताल समाप्त करने की बात कही है. महासंघ का कहना है कि शिक्षा विभाग उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है. शिक्षा मंत्री ने भी आश्वासन दिया था, लेकिन इनकी मांगें पूरी नहीं हुई.
विधानसभा में 2011 में शिक्षा मंत्री से मिला था आश्वासन
संबद्ध डिग्री महाविद्यालय महासंघ के अध्यक्ष डा. नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2011 में विधानसभा में तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने कॉलेजों के अंगीभूतीकरण व घाटा अनुदान देने के लिए जांच कमेटी के गठन की घोषणा की थी. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ डीएन ओझा की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने दो वर्ष बाद अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंप दी. इस रिपोर्ट को सौंपे छह माह से भी अधिक समय हो गया, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षकों की मांग पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा.
विनोबा भावे में 29 कॉलेज
राज्य में सबसे अधिक स्थायी संबद्धता प्राप्त डिग्री कॉलेज विनोबा भावे विश्वविद्यालय में हैं. विनोबा भावे विवि में कुल 29 स्थायी संबद्ध डिग्री कॉलेज हैं. अपनी मांगों के समर्थन में शिक्षक वर्ष 2011 व 2012 में भी हड़ताल कर चुके है. वर्ष 2011 में दो माह व 2012 में डेढ़ माह हड़ताल कर चुके हैं.