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झारखंड में भी हाेने लगा असर, जानकी यादव ने उतारी लाल बत्ती
रांची: एक मई से वीअाइपी वाहनों में अब लाल व नीली बत्ती नहीं लगेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित फैसला किया गया. यह फैसला पूरे देश में लागू होगा. कैबिनेट ने स्वस्थ प्रजातांत्रिक मूल्यों को बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला किया है. कैबिनेट का मानना […]
रांची: एक मई से वीअाइपी वाहनों में अब लाल व नीली बत्ती नहीं लगेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित फैसला किया गया. यह फैसला पूरे देश में लागू होगा. कैबिनेट ने स्वस्थ प्रजातांत्रिक मूल्यों को बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला किया है. कैबिनेट का मानना है कि वीआइपी लाइट से विशिष्टता झलकती है. कैबिनेट ने सिर्फ इमरजेंसी सेवा को ही बिकन लाइट लगाने की अनुमति दी है. इस फैसले के बाद आवास बाेर्ड के अध्यक्ष जानकी यादव ने लाल बत्ती हटा दी.
झारखंड में फ्लैशर सहित लाल बत्ती का प्रयोग राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व राज्यपाल, झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष, झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीश, लोकायुक्त, कैबिनेट के सभी मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड विधानसभा में विरोधी दल के नेता, मुख्य सचिव, अध्यक्ष झारखंड लोक सेवा आयोग, आयुक्त राज्य निर्वाचन, मुख्य सूचना आयुक्त झारखंड व महाधिवक्ता झारखंड को लाल बत्ती इस्तेमाल करने की अनुमति थी. अब ये एक मई से लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेगेच.
झारखंड में काैन-काैन लगाते हैं बत्ती
फ्लैशर सहित नीली बत्ती का प्रयोग सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव/सचिव, अखिल भारतीय सेवा संवर्ग के सभी विभागाध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक व महानिदेशक के समकक्ष पदाधिकारी, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, उपायुक्त, उच्च न्यायालय के अपर महाधिवक्ता व महानिबंधक, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व समकक्ष, अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक/क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक/पुलिस अधीक्षक, महालेखाकार झारखंड, जनरल ऑफिसर ऑफ कमांडिंग (भारतीय सेना), प्रधान मुख्य वन संरक्षक/मुख्य वन संरक्षक (क्षेत्रीय/अन्य वन प्राणी), आयुक्त, आयकर/आयुक्त, केंद्रीय उत्पाद शुल्क/मुख्य डाकपाल/महानिदेशक, खान सुरक्षा, सभी वैधानिक आयोग/अधिकरणों के अध्यक्ष, अपर जिला दंडाधिकारी (विधि व्यवस्था) मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी/अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी/पुलिस उपाधीक्षक (विधि व्यवस्था) को अनुमति थी. अब एक मई से ये भी नीली बत्ती नहीं लगा सकते हैं.
वीसी भी नहीं लगा सकते
झारखंड में विभिन्न अायोग व बोर्ड के अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ है. इसके नाते वे लाल बत्ती का इस्तेमाल करते हैं. अब केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के बाद महिला आयोग, खादी बोर्ड, आवास बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग,जैक, झारखंड राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग, राज्य सूचना आयोग के आयुक्त, वित्त आयोग, राज्य विद्युत नियामक आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, लोकायुक्त, जेपीएससी, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अब लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकते. रांची विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति भी लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकते. राज्य विकास परिषद के सदस्यों व 20 सूत्री के उपाध्यक्ष भी अब लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
मुख्यमंत्री व कई मंत्री पहले से नहीं लगाते हैं बत्ती
झारखंड में मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव, मंत्री सीपी सिंह, सरयू राय, चंद्रप्रकाश चौधरी पहले से ही अपने वाहन में बिकन लाइट नहीं लगाते हैं. पर जो अन्य मंत्री लाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें हटाना होगा.
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