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इनाम की घोषणा के अधिकार का प्रस्ताव सरकार ने लौटाया
रांची : सरकार ने स्पेशल ब्रांच के एक प्रस्ताव को वापस कर दिया है. इसमें किसी नक्सली-उग्रवादी के खिलाफ इनाम की घोषणा से पहले उसके खिलाफ प्राथमिकी व कुर्की-जब्ती की कार्रवाई पूरी करने की बाध्यता को समाप्त करने का अनुरोध किया गया था. सरकार ने इस बात पर भी अपनी आपत्ति दी है कि इस […]
रांची : सरकार ने स्पेशल ब्रांच के एक प्रस्ताव को वापस कर दिया है. इसमें किसी नक्सली-उग्रवादी के खिलाफ इनाम की घोषणा से पहले उसके खिलाफ प्राथमिकी व कुर्की-जब्ती की कार्रवाई पूरी करने की बाध्यता को समाप्त करने का अनुरोध किया गया था.
सरकार ने इस बात पर भी अपनी आपत्ति दी है कि इस तरह के प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के बदले स्पेशल ब्रांच की तरफ से क्यों भेजा गया. जानकारी के मुताबिक नक्सली-उग्रवादी पर जिले के एसपी को 50 हजार, पुलिस प्रमंडल के डीआइजी को एक लाख और डीजीपी को दो लाख लाख रुपये का इनाम घोषित करने का अधिकार है. लेकिन इससे पहले सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य है. साथ ही जिस नक्सली-उग्रवादी के खिलाफ इनाम की घोषणा की जानी है, उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो और कुर्की-जब्ती की कार्रवाई पूरी की जा चुकी हो.
स्पेशल ब्रांच के एडीजी ने इन नियमों को खत्म करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था. साथ ही यह तर्क दिया था कि कई नक्सली-उग्रवादी ऐसे हैं, जो दूसरे राज्य से आते हैं. उनके खिलाफ इनाम की घोषणा नहीं होने से दिक्कतें होती हैं. सरकार के उच्च अधिकारियों का मानना है कि जब किसी नक्सली-उग्रवादी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं है, तो उसके पकड़े जाने या सरेंडर करने पर पुलिस किस केस में उसे न्यायिक हिरासत में भेजेगी.
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