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अधिवक्ता एसोसिएशन विभाग को नये सिरे से देगा अभ्यावेदन
रांची : राज्य सरकार अधिवक्ताअों को आवासीय जरूरत के लिए जमीन देने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गयी है. यह जानकारी मंगलवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने हाइकोर्ट को दी. उन्होंने बताया कि सरकार मकान बनाने के लिए अधिवक्ता हाउसिंग सोसाइटी को […]
रांची : राज्य सरकार अधिवक्ताअों को आवासीय जरूरत के लिए जमीन देने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गयी है. यह जानकारी मंगलवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने हाइकोर्ट को दी. उन्होंने बताया कि सरकार मकान बनाने के लिए अधिवक्ता हाउसिंग सोसाइटी को जमीन देने को तैयार है. इसके लिए नये सिरे से अभ्यावेदन दिया जाना चाहिए.
सरकार के जवाब को देखते हुए चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने प्रार्थी को शीघ्र राजस्व व भूमि सुधार विभाग को नये सिरे से अभ्यावेदन देने का निर्देश दिया. उसमें यह बताया जाये कि सोसाइटी के कितने सदस्य हैं, कितनी जमीन की जरूरत होगी. अभ्यावेदन में जमीन किस-किस एरिया में होनी चाहिए, उसकी भी जानकारी दी जानी चाहिए. खंडपीठ ने प्रार्थी से कहा कि सबसे पहले 50 प्रतिशत जरूरतमंद सदस्यों को जमीन दी जानी चाहिए. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के पूर्व आैपचारिकताएं पूरी करने को कहा.
स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 10 मई को होगी. इससे पहले प्रार्थी की अोर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार कश्यप ने खंडपीठ को बताया कि 21 अप्रैल तक सरकार के राजस्व व भूमि सुधार विभाग को अभ्यावेदन समर्पित कर दिया जायेगा. इसमें सोसाइटी की तरफ से सदस्यों की संख्या, जमीन की जरूरत व एरिया के विषय में जानकारी दी जायेगी. एडवोकेट्स एसोसिएशन के महासचिव अधिवक्ता हेमंत सिकरवार, अधिवक्ता धीरज कुमार ने भी पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ ने जनहित याचिका दायर की है.
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