रांची: कोतवाली पुलिस ने रविवार की शाम अलबर्ट एक्का चौक से शशि भूषण पाठक, तापस बनर्जी, आशिष गुप्ता, मंतोष मुखर्जी, मनावती सरकार और पार्थो प्रतीक दास को हिरासत में लिया. पुलिस ने इन्हें नक्सलियों के समर्थन में जुटने के आरोप में पकड़ा. तीन घंटे तक पुलिस ने सभी से गहन पूछताछ की. पूछताछ में उक्त लोगों ने बताया कि वे सभी मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं. तब पुलिस ने रांची, कोलकाता और दिल्ली से उनके नाम और पते का सत्यापन कराया.
सत्यापन के बाद पुलिस ने उन्हें पीआर बांड पर छोड़ दिया. पुलिस के मुताबिक सभी लोग चतरा में टीपीसी के उग्रवादियों द्वारा मारे गये नक्सलियों के संबंध में न्यायिक जांच करने की मांग को लेकर यहां आये थे. हिरासत में लिये गये मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना था जिन नक्सलियों को मारा गया था, उन्हें पहले बंधक बनाया गया. बाद में टीपीसी उग्रवादियों ने पुलिस के संरक्षण में उन्हें मारा.
इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए. इधर, मानवाधिकार सदस्यों को हिरासत में लेने की पीयूसीएल के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश आनंद ने निंदा की है. उन्होंने बताया कि सीडीआरओ की टीम चतरा में मारे गये माओवादियों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए जुटी थी, लेकिन इससे पहले पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया. यह अनुचित और अलोकतांत्रिक है.