रांची: आधुनिक ग्रुप को कांड्रा में लगाये गये स्टील प्लांट से हर माह डेढ़ करोड़ का नुकसान हो रहा है. इसका कारण है कि प्लांट को आयरन ओर का नहीं मिलना. बाजार से आयरन ओर खरीदने पर लागत दर बढ़ जाती है. इस कारण कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. उक्त बातें आधुनिक ग्रुप के इडी अमृतांशु प्रसाद ने पत्रकारों से कही. उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में कंपनी ने एमओयू किया था.
वर्ष 2006 में झारखंड पहला प्लांट है, जिसने उत्पादन आरंभ किया था. एमओयू की शत्तरे के मुताबिक राज्य सरकार को आयरन ओर भी देना है, पर सरकार नहीं दे सकी है. श्री प्रसाद ने बताया कि पावर प्लांट और स्टील प्लांट में कंपनी द्वारा अब तक सात हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है. तीन हजार लोग प्रत्यक्ष और सात हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है. कंपनी सरकार को प्रत्येक वर्ष दोनों प्लांट से सौ करोड़ रुपये का राजस्व भी देती है, लेकिन सरकार की तरफ से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है.
पावर प्लांट के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 540 मेगावाट के पावर प्लांट लगाये गये हैं. जिसमें शत्तरे के तहत 120 मेगावाट बिजली झारखंड को दी जा रही है. पर पावर प्लांट के लिए आवंटित गणोशपुर कोल ब्लॉक टाटा स्टील व आधुनिक को संयुक्त रूप से आवंटित हुआ है. इस ब्लॉक का स्टेज वन क्लीयरेंस मिल चुका है. स्टेज टू भी जल्द मिल जाये, तो उत्खनन का काम आरंभ किया जा सकता है. अभी सीसीएल से कोयला लेना पड़ता है, जिसकी दर अधिक है. कंपनी द्वारा लगाये गये पैलेट प्लांट को भी फाइंस नहीं मिल पा रहा है. जिनके पास फाइंस है, उन्हें बेचने का अधिकार नहीं है.
लोगों के कारण बंद नहीं करना चाहते : अमृतांशु प्रसाद
इडी अमृतांशु प्रसाद ने कहा कि कंपनी से हजारों लोगों की रोजी-रोटी चल रही है. ऐसी स्थिति में बंद करने पर लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो जायेगा. यही वजह है कि बंद नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को कंपनी के सहयोग के प्रति विचार करना चाहिए. कंपनी के पीआरओ आनंद कुमार ने कहा कि कंपनी द्वारा सीएसआर के तहत कई काम किये जा रहे हैं.