अदालत ने निगम से पूछा कि एकरारनामा क्यों रद्द किया गया. शपथ पत्र दाखिल कर बतायें. मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता विजयकांत दुबे ने पैरवी की, जबकि रांची नगर निगम की अोर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पक्ष रखा.
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बस पड़ावों का एग्रीमेंट रद्द क्याें किया, बताये निगम
रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत में बुधवार को राजधानी में बस पड़ाव निर्माण संबंधी एकरारनामा रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने रांची नगर निगम को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले में यथास्थिति (पीड़क कार्रवाई नहीं करने का) बरकरार रखने का निर्देश दिया. […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत में बुधवार को राजधानी में बस पड़ाव निर्माण संबंधी एकरारनामा रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने रांची नगर निगम को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले में यथास्थिति (पीड़क कार्रवाई नहीं करने का) बरकरार रखने का निर्देश दिया.
निगम के अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि प्रार्थी सेलवेल से साथ निगम ने वर्ष 2008 में राजधानी में 24 बस पड़ाव के निर्माण व जीर्णोद्धार के लिए एकरारनामा किया था. बस पड़ाव पर सेलवेल को विज्ञापन करने का भी अधिकार दिया गया था. बाद में निगम ने देखा कि बस पड़ाव की स्थिति जर्जर है. उसका मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है. इस पर निगम ने एकरारनामा रद्द करते हुए 24 लाख रुपये से अधिक राशि जमा करने का निर्देश दिया था. सेलवेल ने निगम के आदेश को चुनाैती देते हुए याचिका दायर की है.
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