रांची/कांके : नगड़ी स्थित नेशनल लॉ यूनिविर्सटी (नेशनल यूनिवर्सिटी अॉफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ) में विद्यार्थियों ने सोमवार की सुबह आठ बजे से तालाबंदी कर कक्षाएं बाधित कर दी. विद्यार्थी मुख्यद्वार पर ताला लगा कर अपनी मांगों से संबंधित पोस्टर लगा कर वहीं पर धरना पर बैठ गये.
छात्र इतने गुस्से में थे कि उन्होंने कुलपति सहित किसी भी अधिकारी, शिक्षक व कर्मचारी को अंदर जाने नहीं दिया. कुलपति डॉ बीसी निर्मल ने छह घंटे तक धूप में खड़े होकर विद्यार्थियों को समझाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन विद्यार्थियों ने एक नहीं सुनी. एसडीअो व पुलिस प्रशासन ने भी विद्यार्थियों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन विद्यार्थी अड़े रहे. अंतत: विवि प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी झारखंड उच्च न्यायालय को दे दी है. इधर, विद्यार्थी वीसी और रजिस्ट्रार से इस्तीफा मांग रहे थे.
विद्यार्थियों का कहना है कि विवि की लापरवाही से अब यह विवि बंदी के कगार पर है. विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है. सीपीडबल्यूडी ने भी विवि को बंद करने की चेतावनी दी है. इस संस्थान पर लगभग 42 करोड़ रुपये का कर्ज है. सरकार की तरफ से राशि नहीं मिल रही है. ऐसे हालात में वे लोग पढ़ाई कैसे कर सकते हैं. विवि में सबसे अधिक शुल्क लिये जा रहे हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. कुलपति का कहना है कि विद्यार्थियों को गेट में तालाबंदी करने से पहले विवि प्रशासन को बताना चाहिए था. उन्हें मेरे पास आकर अपनी समस्याअों को रखना चाहिए था. समस्या का समाधान नहीं होता, तब वे आंदोलन करने के लिए स्वतंत्र हैं.
कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों का एक गुट खुद मेस में जाकर खाना बनाता है. प्लेट लेकर कमरे के अंदर चले जाते हैं. यह विवि नियम के खिलाफ है. कुलपति ने कहा कि 250 थालियां अगर एक साथ मेस के बजाय कमरे में चली जाती हैं, तो यह गैर जिम्मेवारी वाली हरकतें हैं. विद्यार्थियों को संस्थान के विकास के लिए मदद करनी चाहिए. इस बीच विद्यार्थियों ने मेस से खाना मंगाकर धरना स्थल पर ही खाया. देर रात तक विद्यार्थी धरना पर बैठे रहे.
वीसी की अपील
नेशनल लॉ विवि में लगातार तालाबंदी किये जाने पर कुलपति ने विद्यार्थियों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की है. कुलपति ने कहा कि विवि उनकी जायज मांगों को लेकर कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर विद्यार्थी ताला नहीं खोलते हैं, तो मजबूरन उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी होगी.